नीलगाय को मारने के निर्णय के खिलाफ फतेहाबाद DC को दिया ज्ञापन
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अखिल भारतीय जीव रक्षा बिश्नोई सभा के जिला प्रधान राधेश्याम ने बताया कि आज सर्व समाज सरकार के इस निर्णय का विरोध कर रहा है। किसानों फसल की रक्षा के नाम पर सरकार के द्वारा नीलगायों को मारने का परमिट देने का निर्णय लिया गया है, जो कि सरासर गलत है।
सरकार के द्वारा नीलगाय को मारने का परमिट देने के निर्णय को लेकर बिश्नोई समाज के द्वारा रोष व्यक्त किया जा रहा है। अखिल भारतीय जीव रक्षा बिश्नोई सभा के द्वारा फतेहाबाद के डीसी को मुख्यमंत्री के नाम मांग पत्र सौंपा गया। जीव रक्षा बिश्नोई सभा ने सरकार के इस निर्णय का विरोध किया है। बिश्नोई समाज का कहना है कि सर्व समाज इस निर्णय के खिलाफ है और अगर सरकार के द्वारा नीलगाय को मारने का परमिट देने का निर्णय वापिस नहीं लिया गया तो वह धरना प्रदर्शन करने से भी पीछे नहीं हटेंगे।
इस बारे में जानकारी देते हुए अखिल भारतीय जीव रक्षा बिश्नोई सभा के जिला प्रधान राधेश्याम ने बताया कि आज सर्व समाज सरकार के इस निर्णय का विरोध कर रहा है। किसानों फसल की रक्षा के नाम पर सरकार के द्वारा नीलगाय को मारने का परमिट देने का निर्णय लिया गया है, जो कि सरासर गलत है। किसानों के द्वारा सरकार से कभी भी यह मांग नहीं की गई कि नीलगाय को मारा जाए या किसी भी जीव को मारा जाए। इसलिए बिश्नोई समाज सरकार से निवेदन करता है कि वह इस निर्णय को वापिस ले, नहीं तो बिश्नोई समाज आंदोलन करने से पीछे नहीं हटेगा।
फव्वारा चौक से लघु सचिवालय तक निकाला विरोध मार्च
बिश्नोई समाज के लोगों ने पैदल मार्च निकाल कर नील गाय को मारने के फैसले के प्रति रोष जाहिर किया। बिश्नोई समाज के लोगों ने फव्वारा चौक से लघु सचिवालय तक पैदल मार्च निकाला। समाज के प्रतिनिधि मंडल ने सीएम के नाम प्रेषित ज्ञापन डीसी को सौंपा। इससे पहले बिश्नोई मंदिर में एकत्र होकर मीटिंग की।
अखिल भारतीय बिश्नोई जीव रक्षा सभा हिसार के प्रधान एडवोकेट चन्द्र सहारण बिश्नोई अध्यक्ष ने कहा कि हरियाणा कृषि प्रधान राज्य है। जहां पर किसान वर्ग हमेशा से वन्य जीवों के साथ संतुलन बनाते हुए खेती कार्य करता रहा है। अभी तक हमारे संज्ञान में ऐसा कोई भी मामला नहीं आया है कि किसी भी किसान या अन्य संगठन की तरफ से नीलगायों को मारने की अनुमति मांगी गई हो। कोई भी समाज ऐसे अमानवीय कृत्य को स्वीकार नहीं करता है। दुर्भाग्य से सरकार ने बिना सोचे समझे नीलगायों को मारने का परमिट देने की अनुमति दे दी है।
बिश्नोई सभा के प्रतिनिधियों ने 17 दिसंबर 2024 को मुख्य वन्य अधिकारी और 4 जनवरी 2025 को माननीय वन मंत्री से मिलकर नीलगायों की समस्या के मामले में विशेष योजना बनाकर अन्य राज्यों के जंगलों में विस्थापित करने या विशेषज्ञों से राय लेकर नसबंदी करने तथा प्रभावित किसानों को मुआवजा देने जैसी नीति पर विचार करने के सुझाव दिए थे। इसके विपरित काम करते हुए सरकार ने ऐसा आदेश जारी कर दिया है जिससे पूरे हरियाणा के सर्वसमाज में रोष है ।
हरियाणा के निवासी चाहते हैं कि वन्य प्राणी संरक्षण कानून 1972 के प्रावधानो के तहत हरियाणा वन्यजीव ( संरक्षण) 1974 को निरस्त कर दिया गया है। सरकार की ओर से हरियाणा वन्यजीव (संरक्षण ) 2024 को मजूरी दी गई है। नई धाराओं में बदलाव करते हुए नर नीलगायों को मारने के परमिट की अनुमति पर यथाशीघ्र रोक लगाई जाए । वन्य जीव प्रेमियों और बिश्नोई समाज के प्रतिनिधिमंडल को समय देकर अन्य विकल्पों पर विचार विमर्श करें । बिश्नोई समाज के साथ-साथ राज्य के सभी किसानों और जीव प्रेमी लोगों की भावना का सम्मान करते हुए इस निर्णय पर तुरंत रोक लगाकर इस पक्ष की सुनवाई के लिए समय देंगे ।