पीएम का मुख्य मकसद था टैक्सपेयर्स को सम्मान देना, विकास तो हमारे केंद्र में है: निर्मला सीतारमण

फरवरी की पहली तारीख को केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने जब बजट पेश किया तो लोग अचंभित थे। दरअसल बजट के केंद्र में मध्यवर्ग था और विकास की स्टीयरिंग उसके ही हाथ दी गई। निर्मला कहती हैं कि अर्थव्यवस्था को भी इससे ताकत मिलेगी। विकसित भारत के लक्ष्य के प्रति आश्वस्त वित्त मंत्री कहती हैं कि इसे शक की नजर से नहीं देखना चाहिए। दैनिक जागरण के राजनीतिक संपादक आशुतोष झा और सहायक संपादक राजीव कुमार से वित्त मंत्री ने खुलकर बातचीत की। पेश हैं उनके अंश:

प्रश्न: आपने इस बार टैक्स में इतनी बड़ी छूट देकर खपत का मॉडल दिया है। लेकिन इससे टैक्स के आधार को बढ़ाने में, राजस्व को बढ़ाने में कैसे मदद मिलेगी, क्योंकि इनकम टैक्स में इतनी बड़ी छूट से एक करोड़ लोगों को टैक्स से पूरी तरह मुक्त कर दिया गया। एक लाख करोड़ की छूट दे दी गई, इस मॉडल के बारे में थोड़ा समझाइये?

उत्तर: इसमें दो विषय है। पहले मैं यह स्पष्ट कर देना चाहती हूं कि सार्वजनिक संपदा के निर्माण को लेकर पूंजीगत खर्च के मद में हमारा खर्च कम नहीं हुआ है। कोविड के बाद से इसमें बढ़ोतरी हो रही है और इस बार भी बढ़ोतरी ही है। पहले (चालू वित्त वर्ष) यह 11.11 लाख करोड़ था जो इस साल 11.2 लाख करोड़ है। यह बात सही है कि पिछले तीन-चार सालों से पूंजीगत खर्च में 16-17 प्रतिशत की बढ़ोतरी हो रही थी, इस बार 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी रही है।

पूंजीगत खर्च को लेकर हमारे सोच में कोई बदलाव नहीं हुआ है और हम पहले की तरह ही उस पर कायम है। चुनाव की वजह से चालू वित्त वर्ष में पूंजीगत खर्च में जो कमी आई है उसकी भरपाई हम चौथी तिमाही में कर लेंगे। अगले साल तो पूरे साल उसे मेकअप करेंगे। मगर इनकम टैक्स के रूप में खपत के मॉडल को चुनने की जो बात आप रख रहे हैं वह 100 प्रतिशत सही नहीं है। मतलब मैं यह नहीं बोल रही हूं कि उसका असर अर्थव्यवस्था के ऊपर नहीं होगा। असर होगा, लेकिन वह सेकेंडरी फैक्टर है।

हमारे प्रधानमंत्री का पहला मकसद टैक्सपेयर्स को सम्मान देना है। उन्हें सहूलियत देना है। उसके लिए वर्ष 2022 से लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। फेसलेस मूल्यांकन लाया गया, फेसलेस को अपील में ले आए। विवाद से विश्वास स्कीम लाई गई। इस बार भी सेल्फ घोषणा की सुविधा दी गई। टैक्सपेयर्स पर लगातार भरोसा हम बढ़ा रहे हैं। नियमित रूप से समय पर और अधिक टैक्स देने वाले टैक्सपेयर्स को सम्मानित करने के लिए सर्टिफिकेट दिए गए। उसी सीरीज में प्रधानमंत्री ने कहा कि कुछ ऐसा करके आइए जिससे टैक्सपेयर्स का सम्मान और बढ़े और उसी क्रम में इस बार इनकम टैक्स में राहत दी गई। इससे बचत भी बढ़ेगी और व्यक्तिगत खर्च में भी बढ़ोतरी होगी।

प्रश्न: चालू वित्त वर्ष में हम पूंजीगत खर्च हम नहीं कर पाए तो क्या यह माना जाए कि वित्तीय राहत देने के लिए पूंजीगत खर्च में कमी कर दी गई और महंगाई को भी ध्यान में रखते हुए पूंजीगत खर्च को नियंत्रित रखा गया, क्या यह सही है?

उत्तर: वित्त वर्ष 24-25 में लोकसभा चुनाव के कारण दो तिमाही में पूंजीगत खर्च नहीं हो पाया। तीसरी और चौथी तिमाही में इसमें बढ़ोतरी होगी और जब वित्त वर्ष के अंत में अंतिम आंकड़ा आएगा तो हम आवंटन के आस-पास होंगे। वित्तीय राहत की वजह से पूंजीगत खर्च में कमी की गई, ऐसा नहीं है। उसको टैक्स में राहत से जोड़कर देखना गलत है।

प्रश्न: अर्थव्यवस्था की विकास दर धीमी हो रही है तो क्या इससे विकसित भारत का लक्ष्य प्रभावित होगा, क्योंकि इसके लिए 8 प्रतिशत का विकास दर जरूरी बताया जा रहा है?

उत्तर: देखिए, वर्तमान वैश्विक स्थिति में 8-8.5 प्रतिशत की दर से विकास करना चुनौतीपूर्ण है। हर देश चुनौती का सामना कर रहा है। इसके बावजूद भारत अपने नागरिक और उनकी उद्यमिता की वजह से सबसे तेज गति से विकास करने वाला देश बना हुआ है। यह सिलसिला कोविड के बाद से ही चल रहा है। हमें उनकी क्षमता को पहचानना होगा और उन्हें इसका श्रेय भी देना चाहिए। यह विकास सरकार और जनता दोनों के प्रयास से हो रहा है। इसलिए हमारी क्षमता को कम करके नहीं आंकना चाहिए। हम यह नहीं कह रहे हैं आप क्षमता को कम आंक रहे हैं। लेकिन बार-बार शक के साथ 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य को हासिल करने पर सवाल उठाए जा रहे हैं। इसकी जगह सोच होनी चाहिए कि हम और अच्छा करे, और अच्छा करे, जिससे 2047 में पहुंचना आसान हो जाए।

हम बार-बार प्रश्न इसलिए उठाते हैं क्योंकि नकारात्मक बोलने वाले ज्यादा हो गए हैं, जिन्हें भारत के ऊपर भरोसा नहीं है। भारत की सफलता की कहानी यह है कि दुनिया के सभी निवेशक बोल रहे हैं कि निवेशक कहां जाएगा, भारत और अमेरिका में जाएगा क्योंकि ये सकारात्मक ग्रोथ की क्षमता इन दोनों देशों में है। चीन निगेटिव जोन में जा रहा है। हां, यह सही है कि 8-9 प्रतिशत का ग्रोथ लेने से जल्दी छलांग लगा पाएंगे।

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