खनन क्षेत्र में बड़ी सफलता: पंजाब के तीन ब्लॉकों में मिले पोटाश के बड़े भंडार
मुक्तसर जिले में कबरवाला और फाजिल्का जिले में शेरेवाला, रामसर, शेरगढ़ और दलमीर खेड़ा ब्लॉक में पोटाश पाया गया है। पोटाश निकालने के लिए किसी भी किसान की जमीन का अधिग्रहण नहीं किया जाएगा और न ही इससे भूमि को कोई नुकसान पहुंचेगा।
पंजाब सरकार को खनन क्षेत्र में बड़ी सफलता मिली है। राज्य के दक्षिण-पश्चिम हिस्से में तीन खनन ब्लॉकों में पोटाश के विशाल भंडार मिलने की पुष्टि हुई है। यह जानकारी पंजाब के खनन और जल संसाधन मंत्री बरिंदर कुमार गोयल ने दी। उन्होंने बताया कि पोटाश के इन भंडारों की रॉयल्टी पंजाब को मिलेगी। इनकी नीलामी भी जल्द ही की जाएगी। केंद्र से अपील की है कि इसका सर्वे जल्द पूरा किया जाना चाहिए।
गोयल ने कहा कि पूरे देश में अब तक कहीं भी पोटाश खनिज नहीं मिला था। पंजाब पहला राज्य है जहां इसकी खोज सफल हुई है। अब तक देश हर साल 50 लाख टन पोटाश आयात करता था, जिसका उपयोग मुख्य रूप से खाद और विभिन्न उद्योगों में किया जाता है। लेकिन अब श्री मुक्तसर साहिब और फाजिल्का जिलों में तीन खनन ब्लॉक ऐसे मिले हैं, जहां धरती के नीचे पोटाश के विशाल भंडार मौजूद हैं।
उन्होंने बताया कि श्री मुक्तसर साहिब जिले में कबरवाला और फाजिल्का जिले में शेरेवाला, रामसर, शेरगढ़ और दलमीर खेड़ा ब्लॉक में पोटाश पाया गया है। मंत्री गोयल ने लोगों की शंकाओं को करते हुए स्पष्ट किया कि पोटाश निकालने के लिए किसी भी किसान की जमीन का अधिग्रहण नहीं किया जाएगा और न ही इससे भूमि को कोई नुकसान पहुंचेगा।
उन्होंने बताया कि उन्नत ड्रिलिंग सिस्टम के जरिए इस खनिज को निकाला जाएगा, जिससे किसानों की जमीन की मालिकी पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। उन्होंने आगे कहा कि इस खनन के चलते पोटाश प्रोसेसिंग उद्योग भी स्थापित होंगे, जिससे इलाके में रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे और समग्र विकास को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने बताया कि पोटाश धरती के 450 मीटर नीचे मौजूद है और इसे निकालने से पहले सरकार इसके सामाजिक और पर्यावरणीय प्रभावों का भी पूरा अध्ययन कर रही है।
उन्होंने कहा कि खनन ब्लॉकों की नीलामी का अधिकार केंद्र सरकार के पास है, लेकिन इससे मिलने वाली रॉयल्टी पंजाब सरकार को ही प्राप्त होगी। उन्होंने बताया कि कबरवाला ब्लॉक से खनन शुरू करने के लिए पंजाब सरकार ने अपनी सहमति दे दी है और जैसे ही केंद्र सरकार द्वारा इसकी नीलामी प्रक्रिया पूरी होगी, पोटाश का खनन शुरू किया जा सकेगा। तीन ब्लॉकों का कुल क्षेत्रफल लगभग 18 वर्ग किलोमीटर है।
104 माइनिंग साइटों की करेंगे नीलामी
मंत्री ने बताया कि विभाग ने 104 माइनिंग साइट्स की पहचान की है, जिनकी 31 मार्च तक नीलामी की जाएगी। इसी तरह 27 डिस्टिलिंग साइटों की पहचान भी की गई है।