ढाका में बवाल, बांग्लादेश के संस्थापक शेख मुजीबुर्रहमान के आवास पर तोड़फोड़ और आगजनी
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बांग्लादेश की राजधानी ढाका में प्रदर्शनकारियों ने देश के संस्थापक शेख मुजीबुर रहमान के ऐतिहासिक आवास पर हमला बोल दिया। आवास में तोड़फोड़ के बाद आग लगा दी। यह घटना उस समय हुई जब उनकी बेटी और अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना एक लाइव ऑनलाइन संबोधन दे रही थीं।
संस्थापक शेख मुजीबुर के आवास के सामने इकठ्ठे हुए लोग
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, धानमंडी क्षेत्र में स्थित इस घर के सामने हजारों लोग एकत्रित हुए थे। इस घर को अब एक स्मारक संग्रहालय में बदल दिया गया है और इसे बांग्लादेश के स्वतंत्रता आंदोलन का प्रतीक स्थल माना जाता है। प्रदर्शनकारियों ने इंटरनेट मीडिया पर ”बुलडोजर जुलूस” के आह्वान के बाद इस घटना को अंजाम दिया।
हसीना ऑनलाइन कर रही थीं छात्रों को संबोधित
हसीना ने अवामी लीग के अब भंग हो चुके छात्र संगठन छात्र लीग द्वारा आयोजित कार्यक्रम के दौरान अपने संबोधन में देशवासियों से मौजूदा शासन के खिलाफ मिलकर प्रतिरोध करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा- ”वे हमारे राष्ट्रीय ध्वज, संविधान और स्वतंत्रता को नष्ट नहीं कर सकते, जिसे हमने लाखों लोगों के बलिदान से हासिल किया है।” यह बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुखिया मुहम्मद यूनुस के शासन की ओर इशारा था।
वे एक इमारत को ध्वस्त कर सकते हैं, लेकिन इतिहास को नहीं- हसीना
हसीना ने आगे कहा- ”वे एक इमारत को ध्वस्त कर सकते हैं, लेकिन इतिहास को नहीं। उन्हें यह भी याद रखना चाहिए कि इतिहास अपना बदला लेता है।” अपदस्थ प्रधानमंत्री ने थोड़ी भावुक आवाज में कहा-”पाकिस्तानी सैनिकों ने 1971 के मुक्ति संग्राम के दौरान भी इस घर को लूटा था, लेकिन इसे ध्वस्त नहीं किया या आग नहीं लगाई। आज इस घर को ध्वस्त किया जा रहा है। इसने क्या अपराध किया था? वे इस घर से इतना डरते क्यों थे.. मैं देश के लोगों से न्याय की मांग करती हूं। क्या मैंने आपके लिए कुछ नहीं किया?”
प्रत्यक्षदर्शियों ने ने बताया कि सेना के एक समूह ने प्रदर्शनकारियों को समझाने की कोशिश की, लेकिन उन्हें हूटिंग का सामना करना पड़ा। प्रदर्शनकारियों ने पहले इमारत की दीवार पर बने बलिदानी नेता के एक भित्ति चित्र को नुकसान पहुंचाया और लिखा ”अब 32 नहीं होगा”।
भेदभाव विरोधी छात्र आंदोलन के एक प्रमुख आयोजक अब्दुल हन्नान मसूद ने फेसबुक पोस्ट में सभी पूर्व अवामी लीग सांसदों और मंत्रियों के आवासों को ध्वस्त करने का आह्वान किया और उन स्थलों पर नई इमारतें बनाने का प्रस्ताव दिया। दिन में पहले, मंच के संयोजक हसनत अब्दुल्ला ने बांग्लादेश के मीडिया आउटलेट्स को हसीना के भाषण का प्रसारण करने के खिलाफ चेतावनी दी थी और कहा था कि इसे उनके एजेंडे को बढ़ावा देने के रूप में देखा जाएगा।
हसीना बीते पांच अगस्त से भारत में रह रही हैं
इस बीच, गृह सलाहकार लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) एमडी जाहंगीर आलम चौधरी ने कहा कि अंतरिम सरकार भारत से हसीना और अन्य को प्रत्यर्पण संधि के तहत वापस लाने के लिए सभी प्रयास कर रही है। 77 वर्षीय हसीना बीते पांच अगस्त से भारत में रह रही हैं, जब वह एक बड़े छात्र-नेतृत्व वाले विरोध प्रदर्शन के बाद बांग्लादेश से भाग गई थीं।