बच्चों के सामने भूलकर भी नहीं करनी चाहिए मां-बाप को ये 5 बातें
बच्चों का मन काफी नाजुक होता है। ऐसे में अनजाने में भी कही गई कोई गलत बात उनके मन पर गहरा असर डाल सकती है (Parenting Tips)। ऐसे में माता-पिता को उनके सामने कोई भी बात बहुत सोच-समझकर बोलनी चाहिए। कुछ बातें तो ऐसी होती हैं जिन्हें भूलकर भी बच्चों के सामने कहने से बचना चाहिए। आइए जानें कौन-कौन सी हैं वे बातें।
पेरेंटिंग एक जिम्मेदारी भरा काम है, जिसमें बच्चों के शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक विकास का ध्यान रखना पड़ता है। बच्चे अपने माता-पिता को अपना रोल मॉडल मानते हैं (parent child relationship) और उनकी हर बात और व्यवहार को गहराई से अपनाने की कोशिश करते हैं।
ऐसे में, माता-पिता को अपने शब्दों और काम में सावधानी बरतनी चाहिए। कुछ बातें (parenting mistakes) ऐसी होती हैं, जो बच्चों के सामने कहने से उनके मन पर नेगेटिव प्रभाव पड़ सकता है। आइए जानते हैं वे 5 बातें, जो पेरेंट्स को बच्चों के सामने कभी नहीं कहनी चाहिए।
“तुम्हारी वजह से मेरी जिंदगी खराब हो गई”
बच्चों के सामने ऐसी बातें कहना उनके मन में अपराधबोध पैदा कर सकता है। बच्चे यह सोचने लगते हैं कि वे अपने माता-पिता के लिए एक बोझ हैं। इससे उनका आत्मविश्वास कमजोर होता है और वे खुद को कमतर समझने लगते हैं। बच्चों को यह एहसास दिलाना चाहिए कि वे आपकी जिंदगी का सबसे कीमती हिस्सा हैं, न कि कोई समस्या।
“तुम कभी कुछ ठीक से नहीं कर सकते”
बच्चों को डांटते समय अक्सर पेरेंट्स यह वाक्य कह देते हैं। यह बात उनके मन में हीन भावना पैदा कर सकती है। बच्चे अपनी गलतियों से सीखते हैं, और उन्हें यह एहसास दिलाना जरूरी है कि गलतियां करना कोई बुरी बात नहीं है। उन्हें प्रोत्साहित करें और उनकी कोशिशों की सराहना करें। इससे उनका आत्मविश्वास बढ़ेगा और वे बेहतर प्रदर्शन करेंगे।
“तुम्हारे दोस्त तुमसे बेहतर हैं”
बच्चों की तुलना दूसरे बच्चों से करना उनके मन में ईर्ष्या और हीन भावना पैदा कर सकता है। हर बच्चा अलग होता है और उसकी अपनी खूबियां होती हैं। उनकी तुलना करने के बजाय, उनकी अच्छाइयों को पहचानें और उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करें। इससे उन्हें यह एहसास होगा कि वे भी खास हैं।
“तुम बिल्कुल अपने पिता/माता की तरह हो”
कई बार पेरेंट्स गुस्से में यह वाक्य कह देते हैं, खासकर जब वे अपने पार्टनर से नाराज होते हैं। यह बात बच्चों के मन में भ्रम पैदा कर सकती है। वे यह समझने लगते हैं कि उनके अंदर कुछ गलत है या वे किसी की नजर में अच्छे नहीं हैं। इस तरह की टिप्पणी से बच्चों के मन में नेगेटिव भावनाएं पैदा हो सकती हैं।
“मैं तुम्हें छोड़कर चली जाऊंगी/जाऊंगा”
बच्चों को डराने के लिए कही गई यह बात उनके मन में असुरक्षा की भावना पैदा कर सकती है। बच्चे अपने माता-पिता पर पूरी तरह निर्भर होते हैं, और ऐसी बातें सुनकर उन्हें लगने लगता है कि वे अकेले पड़ जाएंगे। इससे उनका मानसिक स्वास्थ्य प्रभावित हो सकता है और वे स्ट्रेस या डरे हुए रहने लगते हैं।