खर्चों में कटौती के लिए विदेशी मदद बंद करेगी ट्रंप सरकार, दुनियाभर की सहायता संस्थाओं में हड़कंप

 अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से विदेशी मदद पर फैसले के चलते सहायता और विकास के क्षेत्र में काम करने वाली संस्थाओं में हड़कंप मच गया है। ट्रंप के कदम से गंभीर वित्तीय संकट खड़ा होने से सैकड़ों ठेकेदारों ने स्टाफ को निकालना शुरू कर दिया है। इनमें से कई ठेकेदारों का पहले से ही करोड़ों डॉलर का बकाया है।

विदेश मंत्री यूएसएड का कार्यवाहक निदेशक

ट्रंप सरकार खर्चों में कटौती के अभियान के तहत विदेशी मदद बंद करेगी। ट्रंप सरकार में शामिल विश्व के सबसे धनी व्यक्ति एलन मस्क ने सोमवार को यह जानकारी दी। इस बीच, ट्रंप ने विदेश मंत्री मार्को रूबियो को यूएसएड का कार्यवाहक निदेशक नियुक्त किया है। यह एजेंसी विदेश विभाग के अंतर्गत कर दी गई है।

बता दें कि 2023 में अमेरिका ने यूएसएड (यूनाइटेड स्टेट्स एजेंसी फार इंटरनेशनल डेवलपमेंट) कार्यक्रम के तहत विभिन्न देशों और संस्थाओं को 72 अरब डॉलर की मदद दी थी।

यूएसएड के दर्जनों अधिकारियों को अवकाश पर भेज दिया गया

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 20 जनवरी को पदभार संभालने के कुछ घंटों के अंदर ही मस्क को तकरीबन सभी अमेरिकी विदेशी सहायता की समीक्षा करने का निर्देश दिया था। मस्क पहले ही यूएसएड को आपराधिक संगठन करार देने के साथ ही इस एजेंसी का आकार छोटा कर दिया था।

ट्रंप के इस आदेश के बाद ही यूएसएड के दर्जनों अधिकारियों को अवकाश पर भेज दिया गया था। एजेंसी से जुड़े सैकड़ों ठेकेदारों को भी हटा दिया गया था। ट्रंप ने मस्क की अगुआई में सरकार का आकार कम करने और खर्च कम करने के लिए सरकारी दक्षता विभाग बनाया है।

ठेकेदारों पर आया संकट, लोगों को नौकरी ने निकाला

यूएसएड के लिए वर्षों से काम करने वाले ठेकेदार स्टीव श्मिडा ने अपने कर्मचारियों को निकालना शुरू कर दिया है। वह रेजोनेंस कंपनी के सह-संस्थापक हैं, जो नवाचार और मत्स्य संरक्षण जैसे क्षेत्रों मे काम करती है। जबकि जिन ठेकेदारों को हटाया गया है, उनमें रोज जुलीगर भी शामिल हैं। वह राष्ट्रपति की मलेरिया पहल के लिए काम कर चुकी हैं।उन्होंने कहा, ‘यह न केवल मेरी नौकरी जाने को लेकर निजी चिंता है बल्कि वैश्विक स्वास्थ्य को भी लेकर ¨चता है।’ जबकि व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलीन लेविट ने यूएसएड की आलोचना की और इसके खर्च को बेकार करार दिया है।

यूक्रेन में बेघरों के सामने मुसीबतें

अमेरिकी सहायता पर रोक लगने से यूक्रेन में युद्ध के चलते बेघर हुए लोगों के सामने मुसीबतें खड़ी हो गई हैं। पूर्वी यूक्रेन के पाव्लोग्राड में सैकड़ों लोगों ने एक कंसर्ट हाल में शरण ली है। इस आश्रय स्थल को चलाने में प्रति माह सात हजार डालर का खर्च आता है और इसका 60 प्रतिशत खर्च यूक्रेन की मदद के लिए भेजे गए अमेरिकी फंड से पूरा किया जाता है। रूस के साथ लगभग तीन साल से चल रहे युद्ध के कारण यूक्रेन में बड़ी संख्या में लोग बेघर हो चुके हैं।

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