राजस्थान विधानसभा के बजट सत्र में किरोड़ी लाल मीना का बड़ा बयान!
राजस्थान की राजधानी जयपुर में विधानसभा का बजट सत्र शुरू हो गया है। पहले ही दिन कैबिनेट मंत्री किरोड़ी लाल मीना के बयान ने सियासी हलचल मचा दी। उन्होंने सरकार की नीतियों पर सवाल खड़े करते हुए भ्रष्टाचार, पेपर लीक और अवैध बजरी खनन जैसे मुद्दों पर कार्रवाई न होने पर नाराजगी जताई।
“मैं जो सच बोलता हूं, उससे मुझे भी पीड़ा होती है” – किरोड़ी लाल मीना
मीडिया से बातचीत में मंत्री किरोड़ी लाल मीना ने कहा कि “आज असमंजस का समय है। अगर आप हर बात पर हां कहेंगे, तो रिश्ता लंबा चलेगा। लेकिन जो लोग प्रभु के दरबार में सच नहीं कहते, वे खत्म हो जाते हैं।” उन्होंने यह भी कहा कि “मैं जो सच बोलता हूं, उससे मुझे भी पीड़ा होती है।” मीना ने यह सवाल उठाया कि पिछले 5 सालों में विपक्ष की भूमिका किसने निभाई? उन्होंने आरोप लगाया कि उन्हें अपनी ही पार्टी के दफ्तर में प्रेस कॉन्फ्रेंस करने की अनुमति नहीं दी गई और कई बार सड़कों पर मीडिया से बातचीत करनी पड़ी।
सरकार पर सवाल: “भ्रष्टाचार और पेपर लीक पर कार्रवाई क्यों नहीं?”
किरोड़ी लाल मीना ने कहा कि राजस्थान में भ्रष्टाचार और पेपर लीक जैसे गंभीर मुद्दे उठे हैं, लेकिन सरकार की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो रही है। उन्होंने कहा कि “युवाओं की उम्मीदें इनसे जुड़ी थीं, लेकिन अब वे निराश हो रहे हैं।” मीना ने यह भी आरोप लगाया कि पिछली सरकार के शासन में महिला उत्पीड़न के कई मामले सामने आए, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई। उन्होंने कहा कि “कुछ मुद्दे ऐसे हैं, जिन पर मैं अभी बात नहीं कर सकता, लेकिन आने वाले दिनों में इन्हें मीडिया के सामने लाऊंगा।”
बीसलपुर में अवैध बजरी खनन पर भी उठाए सवाल
मीना ने बीसलपुर में अवैध बजरी खनन का मुद्दा भी उठाया और कहा कि “सबकुछ हमारी आंखों के सामने हो रहा है, फिर भी कोई कार्रवाई नहीं की जा रही।”
विधानसभा सत्र से अनुपस्थित रहेंगे किरोड़ी लाल मीना
विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने बताया कि मंत्री किरोड़ी लाल मीना स्वास्थ्य कारणों से बजट सत्र में शामिल नहीं होंगे। इसके लिए उन्होंने स्पीकर को पत्र लिखकर छुट्टी मांगी है।
उनकी अनुपस्थिति के चलते उनके विभागों से जुड़े सवालों का जवाब देने के लिए कैबिनेट मंत्री ओटाराम देवासी और केके विश्नोई को जिम्मेदारी दी गई है।
ओटाराम देवासी – ग्रामीण विकास, आपदा प्रबंधन, नागरिक शिक्षा विभाग
केके विश्नोई – कृषि, उद्यानिकी, पंचायती राज विभाग
पहले भी पूरे बजट सत्र से रहे थे अनुपस्थित
गौरतलब है कि पिछली बार भी किरोड़ी लाल मीना बजट सत्र में शामिल नहीं हुए थे। उस समय 12 जुलाई 2024 को विधानसभा अध्यक्ष ने उनकी गैरमौजूदगी की सूचना सदन में दी थी। इस बार भी उनकी अनुपस्थिति को लेकर राजनीतिक गलियारों में अटकलें तेज हो गई हैं।
क्या राजनीतिक कारणों से दूरी बना रहे हैं किरोड़ी लाल मीना?
राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, किरोड़ी लाल मीना की सरकार से नाराजगी उनके लगातार विधानसभा से गैरमौजूद रहने की वजह हो सकती है। उनके बयानों से संकेत मिलता है कि वे कुछ अहम मुद्दों पर सरकार से सहमत नहीं हैं। अब देखना होगा कि आने वाले दिनों में वह अपने दावों को कितना आगे बढ़ाते हैं और सरकार उनकी नाराजगी को कैसे दूर करती है।