जम्मू-कश्मीर और हिमाचल दोनों तरफ से रेलमार्ग से जुड़ेगा लेह-लद्दाख

लेह-लद्दाख को जम्मू-कश्मीर और हिमाचल से जोड़ने के लिए 465 किलोमीटर लंबा रेलवे ट्रैक बिछाने की योजना शुरू, जो सैन्य और नागरिक यात्रा को सुगम बनाएगा।

केंद्र शासित प्रदेश लेह-लद्दाख आने वाले दिनों में जम्मू-कश्मीर और हिमाचल दोनों तरफ से रेलमार्ग से जुड़ेगा। कश्मीर तक ट्रेन पहुंचे के बाद इसे लेह-लद्दाख तक आगे बढ़ाने की योजना है। चीन की सीमा के साथ सटा होने के चलते सीमाओं की सुरक्षा के लिए हर मौसम में सेना के लिए परिचालन केंद्र सरकार की प्रमुखता है।इस बीच बिलासपुर के बैरी से मनाली-लेह तक रेलवे ट्रैक की कवायद को धरातल पर उतारने की कवायद शुरू हो गई है।

बिहार के पटना की स्काईलार्क कंपनी ने रेलवे ट्रैक अलाइनमेंट (सेंटर सर्वे) का कार्य शुरू कर दिया है। बल्ह घाटी के बैहना में सैटेलाइट सर्वे के आधार पर बुर्जियां लगाकर प्रस्तावित रेलवे ट्रैक को चिह्नित किया। रेलवे ट्रैक के लिए पहुंचे कंपनी के कर्मचारियों को देखकर स्थानीय लोग भी मौके पर पहुंच गए। स्थानीय लोग कंपनी के सुपरवाइजर से रेलवे ट्रैक के बारे में जानकारी जुटाने को लेकर उत्साहित दिखाई दिए।

बिलासपुर-मनाली-लेह रेललाइन का निर्माण तीन चरणों में होगा। इसकी लंबाई 465 किलोमीटर होगी। रेलवे ट्रैक अलाइनमेंट (सेंटर सर्वे) करने वाले कर्मचारियों ने बताया कि 20 जनवरी से बिलासपुर के बैरी से उनकी टीम ने बुर्जियां लगाने का कार्य शुरू किया है। मनाली होते हुए यह कार्य लेह तक किया जाएगा।

सैटेलाइट के माध्यम से पूर्व में हुए सर्वे के आधार पर ही चिह्नित स्थान पर बुर्जियों को लगाया जा रहा है। कंपनी के कर्मचारी अपने साथ सीमेंट की बुर्जियां लेकर आए हैं। बिलासपुर से लेह रेलवे ट्रैक सामरिक दृष्टि से भी अहम रहेगा। इस ट्रैक से पड़ोसी देश चीन की सीमा तक पहुंचना आसान होगा। इस रेल लाइन पर हर मौसम में रेलगाड़ी दौड़ेगी।

बर्फ भी रेलगाड़ी की आवाजाही नहीं रोक पाएगी। भारी बर्फबारी वाले क्षेत्रों में हर समय स्नो कटर मौजूद रहेंगे। उत्तरी रेलवे जम्मू-कश्मीर रेलवे ट्रैक पर स्नो कटर का सफलतापूर्वक इस्तेमाल कर रहा है। बल्ह घाटी के बैहना में करीब पांच साल पहले भी रेलवे ट्रैक के लिए बुर्जियां लगाई थीं लेकिन इसके बाद कार्य बंद हो गया था।

सांसद कंगना ने दिसंबर में उठाया था मुद्दादिसंबर में मंडी संसदीय क्षेत्र की सांसद कंगना रणौत ने संसद में रेलवेज अमेंडमेंट बिल 2024 का समर्थन करते हुए मंडी में रेलगाड़ी का मुद्दा उठाया था। उन्होंने कहा था कि मंडी क्षेत्र में अभी तक रेलवे का सर्वे नहीं हुआ है। अगर हमारा क्षेत्र दिल्ली, चंडीगढ़ या अंबाला जैसे शहरों से जुड़ता है तो हिमाचल की प्रगति और विकास में सहायता मिलेगी।

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