जैश-ए-मोहम्मद का कमांडर आशिक नेंगरू; ड्रोन से भेजता हथियार

जैश-ए-मोहम्मद के कमांडर आशिक नेंगरू और अन्य आतंकवादी पाकिस्तान से जम्मू-कश्मीर में आतंक फैलाने के लिए ड्रोन और हवाला नेटवर्क का उपयोग कर रहे हैं।

पुलवामा जिले के राजपोरा का रहने वाला आशिक नेंगरू 2019 में सीआरपीएफ काफिले पर हुए बहुचर्चित पुलवामा हमले का मास्टरमाइंड है। नेंगरू 2018 तक कश्मीर में था। उस दौरान वह सीमा पार से हथियार लाकर कश्मीर में आतंकियों को मुहैया कराता था।

सितंबर 2018 में जम्मू के झज्जर कोटली में आतंकी हमला हुआ था। इस हमले में शामिल आतंकियों को आशिक नेंगरू कश्मीर ले जा रहा था। आतंकी मारे गए, लेकिन वह चकमा देकर भाग गया। पता चला है कि वह जैश-ए-मोहम्मद का कमांडर है। पाकिस्तान में रहकर जम्मू-कश्मीर में आतंकी गतिविधियां चला रहा है। ड्रोन से हथियार भी भेजने का काम करता है।

टंगमार्ग थाने पर हमला कर पाकिस्तान भाग गया गुलाम हसन
बारामुला के बदरकोट का रहने वाला गुलाम हसन रेशी इस समय पीओके और पाकिस्तान दोनों जगहों से जम्मू-कश्मीर में आतंकी गतिविधियों को ऑपरेट कर रहा है। टंगमार्ग पुलिस स्टेशन पर हमले का आरोपी रेशी वर्ष 2008 में पाकिस्तान भाग गया था। इसी तरह 1992 में मोहम्मद एजाज और नसीर अहमद, 1994 में करीम दीन, मोहम्मद, 1997 में हफीज और 1999 में मीर अहमद भी पाकिस्तान भाग गए। इनको अदालत अपराधी घोषित कर चुकी है, लेकिन पुलिस इनको वापस नहीं ला सकी है।

दुबई, यूएई समेत अन्य देशों में छिपकर बैठे
आरटीआई में पूछे गए सवालों के जवाब में पुलिस ने बताया कि विदेशों में बैठे आतंकी हवाला और नारको आतंकवाद के जरिये आतंकी संगठनों के लिए पैसा जुटा रहे हैं। बीते 4 वर्षों में पूर्व मंत्री बाबू सिंह समेत 150 आतंकी, आतंकियों के मददगार और नारको तस्कर गिरफ्तार हुए। ये सभी पाकिस्तान, दुबई, यूएई समेत अन्य देशों में छिपे बैठे जम्मू-कश्मीर के आतंकियों के संपर्क में थे। अब इनके संपर्क वाले आतंकी विदेशी धरती से नेटवर्क चला रहे हैं।

हवाला के पैसे से देश विरोधी गतिविधियां चला रहा था पूर्व मंत्री बाबू सिंह
अप्रैल 2022 में पूर्व मंत्री बाबू सिंह हवाला मामले में गिरफ्तार हुआ था। हवाला के पैसे से वह देश विरोधी गतिविधियां चला रहा था। वह पाकिस्तान में छिपे भद्रवाह के रहने वाले हिजबुल के आतंकी मोहम्मद हुसैन खतीब के संपर्क में था। वह दुबई भी जाता था।

2002 से 2005 तक कांग्रेस-पीडीपी सरकार में मंत्री रहा बाबू सिंह हिजबुल मुजाहिदीन आतंकियों के साथ मिलकर जम्मू-कश्मीर, पीओके और बाल्टिस्तान को मिलाकर अलग मुल्क बनाना चाहता था। नेचर मैनकाइंड फ्रेंडली ग्लोबल पार्टी बनाकर इसके लिए पाकिस्तान और दुबई से पैसा जुटाता था।

खौफ गैंग का सरगना भी विदेश में
जम्मू के खौफ गैंग का सरगना विक्की सलाथिया उर्फ विक्की खौफ भी इस समय विदेश में है। वह, वहीं से अपने गैंग को ऑपरेट कर रहा है। हाल ही में जम्मू में हुए सुमित गटारू हत्याकांड की जिम्मेदारी इसी गैंग ने ली है।

अदालत से दूतावास के जरिये वापस लाने की प्रक्रिया
विदेश में बैठे आतंकियों को वापस लाने के लिए पुलिस की तरफ से अदालत में अर्जी दी जाती है। इसके बाद अदालत भारतीय दूतावास को आदेश देती है। भारतीय दूतावास इंटरपोल के जरिये संबंधित देश के दूतावास से संपर्क कर आतंकियों को सौंपने के लिए कहता है। हालांकि कई बार आतंकियों को वापस लाने की प्रक्रिया की गई। पर, ज्यादातर आतंकी और उनके मददगार पाकिस्तान में हैं और उसने कभी ऐसे तत्वों को वापस नहीं भेजा।

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