बेघर हुआ रोजगार कार्यालय: पेड़ के नीचे बैंच पर बैठकर काम कर रहे कर्मचारी
कैथल में बेरोजगार युवाओं को रोजगार दिलाने वाला जिला कौशल रोजगार कार्यालय खुद बेघर हो गया है। जिला परिषद कार्यालय में संचालित यह कार्यालय अब पेड़ के नीचे बैंच पर चल रहा है। ए.डी.सी. दीपक बाबू लाल कारवा ने कार्रवाई करते हुए इस कार्यालय को बाहर निकाल कर ताला लगवा दिया है। यहां प्रतिदिन रोजगार योजनाओं का लाभ लेने के लिए 200 से अधिक युवा आते थे, लेकिन अब उन्हें खाली हाथ लौटना पड़ रहा है।
इस कार्यालय में 15 अधिकारी और कर्मचारी कार्यरत हैं, जो अब पेड़ के नीचे बैठकर अपनी जिम्मेदारियां निभाने को मजबूर हैं। कर्मचारियों का कहना है कि बिना किसी ठोस इंतजाम के कार्यालय से बाहर कर दिया गया है, जिससे उनका कामकाज बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। यह मामला प्रशासनिक प्रबंधन और जनहित की अनदेखी का उदाहरण बन गया है। वहीं कृषि विभाग के सहायक कृषि अभियंता का कार्यालय भी यहीं चल रहा है। इस कार्यालय को भी खाली करवाने के आदेश जारी हो चुके हैं। बता दें कि कृषि विभाग के इस कार्यालय में कृषि यंत्र लेने के लिए रोजाना किसान आते हैं। इस कार्यालय पर भी जल्द कार्रवाई हो सकती है।
बेरोजगार युवाओं को हो रही परेशानी
पूंडरी निवासी मानसी ने बताया कि वह अपना बेरोजगार भत्ता पाने के लिए कार्यालय में आई थी। यहां आकर पता चला कि यहां कार्यालय को ही ताला लगा हुआ है। आवेदन की कल आखिरी तारीख है, अगर उनका फार्म आज सबमिट नहीं हुआ तो वह सरकार की योजना से वंचित रह जाएगी। इसके अलावा इस कार्यालय में प्रतिदिन बड़ी संख्या में युवा अपने भविष्य की उम्मीद लेकर आते हैं। कार्यालय के बाहर ताला लगने और पेड़ के नीचे काम चलने के कारण अब उन्हें योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है।
क्या है मामला?
चेयरमैन कर्मबीर कौल की अध्यक्षता में जिला परिषद हाऊस की बैठक में जिला रोजगार कार्यालय को खाली करने का प्रस्ताव पास किया गया था। इसके बाद जिला प्रशासन से पत्राचार कर उनके बिल्डिंग से कमरों को खाली करवाने बारे लिखा गया था। इस पर संज्ञान लेते हुए ए.डी.सी. दीपक बाबू लाल कारवा ने 2 महीने पहले ही जिला सचिवालय में शिफ्ट करने के लिए वैकल्पिक कमरा तैयार करवा दिया था, लेकिन रोजगार कार्यालय के अधिकारी ने इसे शिफ्ट नहीं किया।
बार-बार चेतावनी के बावजूद कमरे खाली न करने के बाद सभी कर्मचारियों को बाहर निकाल कर ताला लगवा दिया। अब ये कर्मचारी ड्यूटी का समय पूरा करने के लिए जिला परिषद कार्यालय के प्रांगण में पेड़ के नीचे बैंचों पर बैठ रहते हैं। इस घटना ने युवाओं व कर्मचारियों में प्रशासन के प्रति नाराजगी बढ़ा दी है। बेरोजगार युवाओं का कहना है कि यह कार्यालय उनके लिए उम्मीद की किरण था, लेकिन अब उन्हें अपने जरूरी कार्य पूरे किए बिना ही लौटना पड़ रहा है।
कार्रवाई के लिए मुख्यालय को लिखा पत्र: ए.डी.सी.
ए.डी.सी. ने दीपक बाबू लाल करवा ने बताया कि उनके द्वारा जिला रोजगार कार्यालय को 2 महीने पहले जिला सचिवालय में नया कमरा आबंटित किया गया था, लेकिन विभाग के अधिकारी ने वहां शिफ्ट नहीं किया। इसको लेकर आगामी कार्रवाई के लिए इनके मुख्यालय को पत्र भी लिखा है। यह पूरा मामला डी.सी. की जानकारी में भी लाया गया है।
एक दम से ताला लगा बना दिया बंधक: ए.ई.ओ.
जिला रोजगार कार्यालय ए.ई.ओ. रविन्द्र कुमार ने बताया कि कार्यालय खाली करने के लिए उन्हें कोई नोटिस नहीं दिया गया। उनके कार्यालय में 16 कर्मचारी कार्य करते हैं, इसके अलावा पिछले 10 सालों का रिकॉर्ड भी काफी मात्रा में पड़ा है। जिला प्रशासन द्वारा जो कार्यालय उन्हें देने की बात कही गई है, वह उनके लिए पर्याप्त नहीं है। उनके कार्यालय को एक दम से ताला लगा कर उन्हें बंधक-सा बना दिया गया है।