हरियाणा: APP ने हरियाणा पर लगाया यमुना जहरीला करने का आरोप

चुनाव आयोग ने हरियाणा सरकार से मंगलवार दोपहर 12 बजे तक इस मामले पर तथ्यात्मक रिपोर्ट उपलब्ध कराने को कहा है। वहीं, केजरीवाल के आरोपों पर हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी व हरियाणा भाजपा ने पलटवार किया है।

यमुना के दूषित पानी को लेकर दिल्ली व हरियाणा सरकार फिर आमने-सामने हो गई है। आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने हरियाणा की भाजपा सरकार पर यमुना में जहर मिलाने का दावा किया है। उनकी पार्टी का कहना है कि हरियाणा से आने वाले पानी में अमोनिया की मात्रा बहुत अधिक होने से दिल्ली के तीन जलापूर्ति संयंत्र बंद होने के कगार पर पहुंच गए हैं और राष्ट्रीय राजधानी में जल संकट शुरू हो गया है। आयोग ने हरियाणा सरकार से मंगलवार दोपहर 12 बजे तक इस मामले पर तथ्यात्मक रिपोर्ट उपलब्ध कराने को कहा है। वहीं, केजरीवाल के आरोपों पर हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी व हरियाणा भाजपा ने पलटवार किया है।

चुनाव आयोग के मुताबिक, दिल्ली और पंजाब के मुख्यमंत्री ने चुनाव आयोग को एक शिकायत की है। उसमें आरोप लगाया कि हरियाणा से दिल्ली को मिलने वाले पानी में अमोनिया की मात्रा बढ़ गई है, जिससे दिल्ली में चल रहे चुनावों के दौरान पानी की आपूर्ति पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। विधानसभा चुनावों पर इसका असर भी देखने को मिल सकता है। चूंकि दिल्ली को ज्यादातर पानी की आपूर्ति हरियाणा के रास्ते ही होती है, ऐसे में दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी का कहना है कि पानी में अमोनिया की मात्र ज्यादा होने के कारण दिल्ली के चंद्रावल, वजीराबाद और ओखला प्लांट बंदी की कगार पर हैं। इससे दिल्ली के तीस फीसदी लोगों की जलापूर्ति प्रभावित हो रही है। उन्होंने आयोग से जांच कराने की मांग की है।

हरियाणा सरकार ने सिरे से नकारे आरोप
केजरीवाल के आरोपों पर हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि केजरीवाल की फितरत यही है कि आरोप लगाओ और भाग जाओ। यही सोच उनकी पार्टी की भी है। केजरीवाल ने खुद 28 नाले यमुना में डाल दिए और सोचा कि हरियाणा पर आरोप लगाकर बच जाऊंगा। सीएम ने कहा कि उन्होंने कहा था-आप (केजरीवाल) अपने मुख्य सचिव को भेजो और मैं अपने मुख्य सचिव को सोनीपत में पानी की गुणवत्ता की जांच करने के लिए कहूंगा, जहां से यमुना दिल्ली में प्रवेश कर रही है। वह अमोनिया और पानी की कमी की बात करते हैं, मगर कमी उनकी इच्छाशक्ति पर है। वे दस साल में जल वितरण का प्रबंधन नहीं कर पाए।

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