दिल्ली के चुनावी रण में होगी प्रियंका गांधी की एंट्री
कांग्रेस महासचिव और वायनाड से सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi Vadra) आज, 26 जनवरी 2025, से दिल्ली में आगामी विधानसभा चुनावों (Delhi Assembly Polls) के लिए प्रचार अभियान की शुरुआत कर सकती हैं। पार्टी के अभियान प्रबंधन से जुड़े वरिष्ठ नेताओं के अनुसार, प्रियंका गांधी रविवार शाम को उत्तर-पूर्वी दिल्ली में अपनी पहली रैली को संबोधित कर सकती हैं।
प्रियंका की रणनीतिक मौजूदगी
दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी (डीपीसीसी) के अनुसार, सभी कांग्रेस उम्मीदवारों ने प्रियंका गांधी से अपनी सीटों पर प्रचार करने का अनुरोध किया है। हालांकि, प्रियंका केवल महत्वपूर्ण और रणनीतिक विधानसभा क्षेत्रों में ही प्रचार करेंगी। पार्टी को उम्मीद है कि प्रियंका गांधी की रैलियां कांग्रेस के लिए मतदाताओं को आकर्षित करने में मददगार साबित होंगी।
कांग्रेस की वापसी की कोशिश
दिल्ली विधानसभा में कांग्रेस का प्रदर्शन पिछले दो चुनावों (2015 और 2020) में बेहद खराब रहा था, जहां पार्टी को शून्य सीटें मिली थीं। कांग्रेस अब अपने “मास्टरस्ट्रोक” प्रियंका गांधी को मैदान में उतारकर 2025 के चुनावों में वापसी की कोशिश कर रही है। प्रियंका गांधी की लोकप्रियता और उनकी जमीनी पकड़ को देखते हुए पार्टी को उम्मीद है कि वह भाजपा और आम आदमी पार्टी (AAP) के खिलाफ एक मजबूत विकल्प पेश कर सकेंगी।
कांग्रेस के 5 बड़े चुनावी वादे
चुनाव से पहले कांग्रेस ने जनता के लिए पांच प्रमुख वादे किए हैं:
प्यारी दीदी योजना: महिलाओं को हर महीने 2,500 रुपये की वित्तीय सहायता।
आजीवन स्वास्थ्य बीमा: दिल्ली के सभी निवासियों के लिए 25 लाख रुपये तक का स्वास्थ्य बीमा।
बेरोजगारी भत्ता: शिक्षित बेरोजगार युवाओं को एक साल तक 8,500 रुपये प्रति माह का वजीफा।
सस्ते गैस सिलेंडर: 500 रुपये में सब्सिडी वाली रसोई गैस।
मुफ्त बिजली और राशन: 300 यूनिट मुफ्त बिजली और मुफ्त राशन किट।
दिल्ली चुनावों में प्रियंका की अहमियत
विश्लेषकों का मानना है कि प्रियंका गांधी की सक्रियता कांग्रेस के लिए एक बड़ा गेमचेंजर हो सकती है। प्रियंका का आकर्षक व्यक्तित्व, महिलाओं और युवाओं के बीच उनकी मजबूत पकड़, और उनके भाषणों की अपील कांग्रेस को नई ऊर्जा दे सकती है।
कांग्रेस की चुनावी रणनीति
कांग्रेस ने दिल्ली में चुनाव प्रचार के लिए वरिष्ठ नेताओं और कार्यकर्ताओं की एक टीम गठित की है, जो प्रियंका गांधी की रैलियों और रोड शो की योजना बना रही है। साथ ही, पार्टी ने जमीनी स्तर पर कार्यकर्ताओं को सक्रिय किया है ताकि मतदाताओं तक सीधे पहुंच बनाई जा सके।
पिछला प्रदर्शन और चुनौतियां
दिल्ली में कांग्रेस ने 2015 और 2020 के विधानसभा चुनावों में शून्य सीटें हासिल की थीं, जबकि आम आदमी पार्टी (AAP) ने शानदार प्रदर्शन करते हुए बहुमत से सरकार बनाई थी। भाजपा भी विपक्ष के तौर पर मजबूत स्थिति में थी। कांग्रेस को इस बार न केवल मतदाताओं को वापस लाना है, बल्कि भाजपा और AAP के बीच चुनावी लड़ाई में अपनी जगह बनानी होगी।