बच्चों की शरारत पर बार-बार आता है गुस्सा, तो इन टिप्स की मदद से रखें खुद को शांत

बच्चों की परवरिश में पैरेंट्स का पेशेंस रखना सबसे जरूरी होता है। इसलिए सबसे पहले उनकी उम्र भावनाओं और जरूरतों को समझें। गहरी सांस लेकर खुद को शांत करें और गुस्से के बजाय पॉजिटिव सोच अपनाएं। बच्चों से प्यार से बात करें और उनकी बात ध्यान से सुनें। ऐसी ही कुछ टिप्स (Parenting Tips) की मदद से आप बच्चों की बेहतर परवरिश कर सकते हैं।

बच्चों की परवरिश एक ऐसा कला है, जिसमें माता-पिता के पास धैर्य और संयम जैसे बेहद जरूरी गुण होने चाहिए। छोटे बच्चों से लेकर किशोरावस्था तक, हर उम्र में बच्चों का व्यवहार और उनकी जरूरतें बदलती रहती हैं।

ऐसे में उनके साथ समय बिताते हुए माता-पिता के पास कई बार ऐसे पल भी आते हैं, जब उन्हें अपने ही बच्चे के व्यवहार पर गुस्सा या निराशा महसूस हो सकती है। लेकिन इन समय में धैर्य बनाए रखना न केवल बच्चों के मानसिक और भावनात्मक विकास के लिए जरूरी है, बल्कि यह आपके और उनके बीच के रिश्ते को भी मजबूत बनाता है। ऐसे समय के लिए यहां कुछ सुझाव दिए गए हैं, जो बच्चों के साथ रहते हुए धैर्य बनाए रखने में मदद करेंगे।

बच्चों की उम्र और उनकी जरूरतों को समझें
बच्चों का व्यवहार उनकी उम्र और विकास के स्तर पर डिपेंड करता है। अगर आपका बच्चा जिद कर रहा है या कोई गलती कर रहा है, तो पहले उसकी वजह को समझने की कोशिश करें। इससे आप सही रिएक्शन देने में सक्षम होंगे।

अपनी सोच पॉजिटिव रखें
बच्चों की गलतियों को उनके सीखने का हिस्सा मानें। गुस्सा करने की जगह, उन्हें सही तरीके से समझाने की कोशिश करें। आपका पॉजिटिव रिएक्शन उन्हें ज्यादा प्रेरित करेगा।

गहरी सांस लेकर शांत रहें
अगर किसी स्थिति में गुस्सा आ रहा हो, तो गहरी सांस लें और कुछ समय शांत रहने की कोशिश करें। इससे आप स्थिति को ठंडे दिमाग से देख पाएंगे।

बातचीत का तरीका
बच्चों से बात करते समय प्यार और आसान भाषा का इस्तेमाल करें। धमकी या चिल्लाने से बचें, क्योंकि यह बच्चों के आत्मविश्वास को प्रभावित कर सकता है।

नियम और दिनचर्या बनाएं
बच्चों के लिए एक नियमित दिनचर्या और नियम तय करें। इससे उनका व्यवहार अनुशासित होगा और आपको बार-बार सख्त होने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

गुस्से के पीछे की वजह पहचानें
कई बार हमारा गुस्सा बच्चों के व्यवहार के बजाय हमारी थकान या तनाव का नतीजा होता है। इसलिए अपनी भावनाओं को काबू में रखें और स्थिति से बाहर निकलें।

बच्चों को सुनें और उनकी भावनाओं को समझें
बच्चों को सुनना बहुत जरूरी है। जब वे अपनी भावनाओं को जाहिर करते हैं, तो उन्हें गंभीरता से लें। यह उन्हें यह महसूस कराता है कि उनकी बातों की अहमियत है।

खुद को भी समय दें
तनाव की स्थिति में कुछ समय अपने लिए निकालें। इस समय में आप शांत हो सकते हैं और स्थिति को बेहतर तरीके से संभाल सकते हैं।

खुद का ख्याल रखें
माता-पिता का स्वास्थ्य और मानसिक स्थिति बच्चों की परवरिश में बड़ी भूमिका निभाता है। योग, ध्यान, और अपनी रुचियों को समय देना आपको शांत और सकारात्मक बनाए रखता है।

बच्चों को प्रेरित करें
गलतियों पर सजा देने की बजाय, बच्चों को समझाएं कि उनकी गलती से क्या सीख मिल सकती है। प्रेरणा देने का तरीका अपनाएं जिससे वे सही दिशा में आगे बढ़ सकें।

धैर्य माता-पिता की सबसे बड़ी शक्ति बन सकता है। यह न केवल बच्चों के व्यक्तित्व को संवारने में मदद करता है, बल्कि आपके परिवार में एक प्यार भरा और पॉजिटिव माहौल भी बनाए रखता है।

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