पार्वती-कालीसिंध-चंबल ERCP का लोगों को मिलेगा फायदा, बाघों का हो रहा नुकसान
राजस्थान: बाघों की बढ़ती आबाधी के साथ उनकी टैरेटरी के घटते आकार के चलते प्रभावित हो रही रणथंभौर बाघ परियोजना। क्षेत्र का बड़ा हिस्सा पीकेसी-ईआरसीपी में जा रहा है।
राजस्थान और मध्य प्रदेश के बीच बनने वाले पार्वती-कालीसिंध-चंबल ईस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट (पीकेसी-ईआरसीपी) के लिए बनास पर बनने वाले बांध रणथंभौर बाघ अभ्यारण्य के हिस्से पर बनेगा। परियोजना से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि यह बांध रणथंभौर और सवाई माधोपुर के बीच डूंगरी गांव पर बनाया जाएगा। इसमें बाघ परियोजना का 24 वर्ग किमी क्षेत्र भी आ रहा है। इसके अलावा 13 वर्गकिमी का रेवेन्यू लैंड भी बांध क्षेत्र का हिस्सा होगा।
हालांकि इसके लिए अभी वन एवं पर्यावरण विभाग की एनओसी लेनी होगी। जल संसाधन विभाग ने फिलहाल अभी इसका प्रस्ताव वन विभाग को नहीं भेजा है। प्रोजेक्ट राष्ट्रीय महत्व का है। इसलिए इस पर एनओसी आने में कोई समस्या नहीं आएगी।
85 विधानसभा क्षेत्र को मिलेगा PKC-ERCP प्रोजेक्ट का फायदा
PKC-ERCP सीधे 21 जिलों की 3.45 करोड़ आबादी से जुड़ा हुआ है। इन जिलों में 85 विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं। पिछले दिनों इस प्रोजेक्ट को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में जयपुर में आयोजित सभा में राजस्थान और मध्य प्रदेश के बीच समझौता भी हुआ है। केंद्र सरकार के लिए भी यह बड़ा प्रोजेक्ट है। एमओए का मतलब दोनों राज्य प्रोजेक्ट पर काम करने के लिए तैयार हैं। प्रोजेक्ट लागत से लेकर पानी आवंटन तक का हिस्सा इसमें तय किया गया है।
पहला चरण चार साल में पूरा होगा
इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट का पहला चरण चार साल में पूरा होगा। इसमें नवनेरा बैराज से बीसलपुर और ईसरदा तक पानी लाया जाएगा। इसके तहत रामगढ़ बैराज, महलपुर बैराज, नौनेरा में नहरी तंत्र और पपिंग स्टेशन, मेज नदी पर पपिंग स्टेशन बनाया जाएगा। इसके साथ 2.6 किमी लंबी टनल भी तैयार होगी। इस प्रोजेक्ट में से बीसलपुर बांध में 11.2 टीएमसी और ईसरदा में 10.5 टीएमसी पानी दिया जाएगा।
इससे कोटा, बूंदी, टोंक, जयपुर, सवाईमाधोपुर, दौसा, अजमेर जिले के लोग लाभान्वित होंगे। कूल नदी, पार्वती नदी व कालीसिंध नदी के अतिरिक्त जल को नवनेरा बैराज पर पपिंग द्वारा नहर एवं चबल नदी पर नहर का निर्माण कर राज्य के अन्य क्षेत्रों में भेजा जाएगा। पहला चरण चार साल में पूरा होगा। इसमें नवनेरा बैराज से बीसलपुर और ईसरदा तक पानी लाया जाएगा। इसके तहत रामगढ़ बैराज, महलपुर बैराज, नौनेरा में नहरी तंत्र और पपिंग स्टेशन, मेज नदी पर पपिंग स्टेशन बनाया जाएगा। साथ ही 2.6 किमी लंबी टनल भी तैयार होगी। बीसलपुर बांध में 11.2 टीएमसी और ईसरदा में 10.5 टीएमसी पानी दिया जाएगा।
इन जिलों को मिलेगा फायदा
PKC-ERCP प्रोजेक्ट का फायदा जयपुर, टोंक, सवाईमाधोपुर, दौसा, करौली, धौलपुर, भरतपुर, अलवर, कोटा, बूंदी, अजमेर जिले के लोग लाभान्वित होंगे। कूल नदी, पार्वती नदी और कालीसिंध नदी के अतिरिक्त जल को नवनेरा बैराज पर पपिंग द्वारा नहर एवं चबल नदी पर नहर का निर्माण कर राज्य के अन्य क्षेत्रों में भेजा जाएगा।