MLA गोकुल सेतिया ने हाईकोर्ट से लगाई FIR रद्द करने की गुहार, सिरसा में चपरासी को बंधक बनाने का मामला

सिरसा से विधायक गोकुल सेतिया ने शहर थाना में दर्ज एफआईआर को रद्द करने की मांग को लेकर पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। मंगलवार को जस्टिस त्रिभुवन दहिया ने याचिका पर सुनवाई की। इस मामले में अगली सुनवाई 30 जनवरी को होगी।

बता दें कि शहर थाना पुलिस ने जनवरी 2023 में गोकुल सेतिया के खिलाफ नगर परिषद कर्मचारी को बंधक बनाकर उसके साथ मारपीट करने, सरकारी कार्य में बाधा डालने व जान से मारने की धमकी देने के आरोप में एफआईआर दर्ज की थी। इस मामले में आरोपी गोकुल सेतिया की जमानत याचिका को सिरसा सत्र न्यायालय ने खारिज कर दिया था। इसके बाद पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट से गोकुल सेतिया को राहत मिली। इस मामले में पुलिस एससी/एसटी एक्ट की धारा को हटा चुकी है।

मामले के अनुसार शहर थाना पुलिस को 11 जनवरी 2023 को नगर परिषद के चपरासी राजेश कुमार ने शिकायत दी थी कि वह दोपहर तीन बजे कार्यालय में ड्यूटी पर था। इसी दौरान दो व्यक्ति आए और उससे फाइल का काम करने के लिए कहा। इस पर उसने कहा कि वह चपरासी के पद पर तैनात है और यह काम उसकी क्षमता में नहीं आता। कुछ देर बाद गोकुल सेतिया कुछ अन्य व्यक्तियों के साथ वहां आए और उसपर उक्त कार्य करने के लिए दबाव बनाया। इतना ही नहीं उसकी जेब में पैसे भी डाल दिए।

शिकायत में राजेश कुमार ने बताया कि गोकुल सेतिया के साथ आए लोग जबरन उसे एक कमरे में ले गए और कमरा बंद करके उससे मारपीट की। गोकुल सेतिया के साथ आए एक शख्स ने उसे जान से मारने की नीयत से उसके गुप्तांग पर हमला किया। इसके बाद उसने शोर मचाया तो उसके साथी कर्मचारियों ने उसे हमलावरों के चंगुल से मुक्त करवाया।

दोनों पक्षों में जमकर हुई थी गाली-गलौज
बता दें कि नगर परिषद कार्यालय में रिश्वत लेने के आरोप को लेकर 11 जनवरी 2023 को 3 घंटे तक जमकर हंगामा हुआ था। गोकुल सेतिया ने एक सेवादार पर रिश्वत लेने का आरोप लगाते हुए रंगे हाथ पकड़ने का दावा किया। इस दौरान सफाई कर्मचारी व गोकुल सेतिया आमने-सामने हो गए। दोनों पक्षों में गाली-गलौज भी हुई।

नगर परिषद के ईओ ने गोकुल सेतिया व उसके समर्थकों पर कर्मचारी को बंधक बनाकर बैठाने और कार्यालय को हाईजैक करने का आरोप लगाया। नगर परिषद कार्यालय में पहुंचे हरि विष्णु कॉलोनी निवासी मनोज कोचर ने आरोप लगाया कि बीते दो तीन माह से वह एनओसी निकलवाने के लिए आ रहा है, लेकिन अधिकारी प्लाॅट की एनओसी नहीं निकाल रहे। ऐसे में उन्होंने नगर परिषद के ही एक सेवादार से बात की। इसके बाद सेवादार ने एनओसी के बदले 10 हजार की मांग की और पांच हजार रुपये में सौदा हुआ।

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