पंथक राजनीति: शिअद बादल को चुनाैती देगा ‘अकाली दल वारिस पंजाब दे’
माघी मेले में गर्म विचारधारा के समर्थकों ने नई पार्टी अकाली दल वारिस पंजाब दे बनाने का एलान कर दिया। ऐसे में आने वाले दिनों में अकाल दल वारिस पंजाब दे के अकाली दल बादल के लिए नई पंथक चुनौती के रूप में उभरने की संभावना है।
हालांकि पहले भी कई ग्रुप अकाली दल बादल के टूट कर नए नए अकाली दल बनते रहे हैं, लेकिन अकाली दल बादल का आधार कम नहीं हुआ। अकाली दल वारिस पंजाब दे बनने के समय पंथक राजनीति के हालात पहले से अलग हैं।
हाल ही में अकाली दल बादल के नेतृत्व को धार्मिक व पंथक गलतियां करने के आरोपों तहत श्री अकाल तख्त साहिब की ओर से धार्मिक सजा सुनाई गई है। इसके चलते सिख पंथ में बादल दल के खिलाफ भारी रोष है। वहीं बादल दल की ओर से गलतियां करके गलतियां कबूलने के बावजूद गलतियां करने का सिलसिला लगातार जारी है। अकाल तख्त साहिब की ओर से जारी आदेशों को अब भी बादल दल पूरी तरह लागू नहीं कर रहा है। जत्थेदार अकाल तख्त ज्ञानी रघबीर सिंह कई बार खुल कर एतराज भी जता चुके हैं। इस सभी के चलते सिख संगत में भी बादल दल के खिलाफ रोष की भावना है।
चुनाव आयोग ने नहीं स्वीकारा था अकाली दल आनंदपुर साहिब नाम
अमृतपाल के समर्थक चाहते थे कि चुनाव आयोग उनकी पार्टी को अकाली दल आनंदपुर साहिब का नाम स्वीकार करके अलाॅट करे, लेकिन विवादास्पद व अलगाववाद की परिभाषा देने वाले आनंदपुर साहिब प्रस्ताव के नाम पर चुनाव आयोग ने मुहर नहीं लगाई। इसके बाद अमृतपाल के समर्थकों को अकाली दल वारिस पंजाब दे नाम दे दिया। अब अकाली दल अमृतसर से अलग होकर बने शिरोमणि अकाली दल फतेह के नेता जसकरण सिंह काहन सिंह वाला ने भी अकाली दल वारिस पंजाब को अपना समर्थन दे दिया है।
कई पंथक जत्थेबंदियां बनेंगी हिस्सा
संभावना है कि आने वाले कुछ दिनों में विभिन्न पंथक जत्थेबंदियां अकाली दल वारिस पंजाब दे का हिस्सा बनेंगी। पार्टी ने अपनी गांव स्तर पर मेंबरशिप मुहिम की शुरुआत का एलान कर बैसाखी पर पार्टी की नई वर्किंग कमेटी की घोषणा का भी एलान किया है। इससे साबित होते हैं कि अपने वाले दिनों में यहां अकाली दल वारिस पंजाब दे अकाली दल बादल के लिए चुनौती बनेगा। वहीं, दोनों पार्टियों के समर्थकों में गांवों के अंदर टकराव वाली स्थिति भी बनेगी, क्योंकि नए बने अकाली दल ने आने वाले एसजीपीसी चुनावों में हिस्सा लेने की भी तैयारियां शुरू कर दी है।