महाकुंभ: तड़के ही उमड़ा 80 लाख श्रद्धालुओं का रेला, बैरिकेडिंग तोड़ पहुंच गए संगम

सुबह के करीब छह बजे थे। अमृत स्नान के लिए सबसे पहले महानिर्वाणी अखाड़े के संत संगम नोज के लिए निकल चुके थे। यह वह वक्त था, जब 80 लाख के करीब श्रद्धालु मेले में प्रवेश कर चुके थे और संगम अपर मार्ग होते हुए तेजी से संगम की ओर बढ़ रहे थे।

हालात यह हुए कि संगम नोज टवर नंबर एक से 100 मीटर पहले ही अखाड़ा मार्ग पर बैरिकेडिंग तोड़कर श्रद्धालु अखाड़ा मार्ग पर आ गए। यह देख अफसरों के हाथ-पांव फूल गए। बाद में आईटीबीपी के जवानों ने एक-दूसरे का हाथ पकड़कर सुरक्षा घेरा बनाया और फिर सभी ने राहत की सांस ली।

मकर संक्रांति पर भीड़ उमड़ेगी, लेकिन तड़के ही श्रद्धालुओं की संख्या 80 लाख को पार कर जाएगी। इसका अंदाजा किसी ने नहीं लगाया था। यही वजह रही कि अखाड़ों के साधु-संतों के अमृत स्नान के दौरान भीड़ को नियंत्रित करने के लिए किए गए सारे इंतजाम धरे रह गए।

नहीं टिक सकी बैरिकेडिंग
संगम पर उमड़े आस्थावानों के ज्वार के आगे अखाड़ों के अमृत स्नान के लिए निर्धारित मार्ग की बैरिकेडिंग टिक नहीं सकी। टावर नंबर वन के पास स्थित मोड़ से लेकर संगम नोज तक कम से कम 10 जगहों से बैरिकेडिंग तोड़कर श्रद्धालुओं की भीड़ आगे बढ़ गई।

श्रद्धालुओं ने साधु-संतों के छुए पांव
श्रद्धालु अखाड़ा मार्ग से आगे तो बढ़े ही, संगम नोज के बाएं साइड में घाट पर पहुंचकर स्नान किया। साथ ही अखाड़ों के साधु-संतों के पांव भी छुए। संतों ने भी उन्हें निराश नहीं किया।

आमतौर पर संगम स्नान के लिए जाते वक्त थोड़े भी व्यवधान से नाराज होने वाले साधु-संत मंगलवार को अलग ही रूप में नजर आए। न सिर्फ स्नान के बाद, बल्कि संगम स्नान के लिए जाते वक्त भी कई नागा साधुओं ने रास्ते में रुककर श्रद्धालुओं को आशीर्वाद दिया।

जैकी, शाहीन व दारा ने संभाली स्थिति, भीड़ को पीछे भेज खाली कराया रास्ता
अमृत स्नान के दौरान संगम घाट व अखाड़ा मार्ग पर उमड़ी भीड़ को नियंत्रित करने में कड़ी मशक्कत के बाद भी पुलिसकर्मियों के नाकाम रहने पर घुड़सवार पुलिस ने स्थिति संभाली।

इस दौरान अमेरिकन ब्रीड के घोड़े जैकी, शाहीन व दारा ने भीड़ को दोनों तरफ से पीछे भेजकर साधु-संतों के लिए अखाड़ा मार्ग खाली कराया। इसके बाद हालात नियंत्रित किए जा सके।

पांटून पुल पर बढ़ी भीड़ तो श्रद्धालु जान जोखिम डालकर पीपा पुल के नीचे से निकलने लगे
मकर संक्रांति पर अखाड़ों के अमृत स्नान के दौरान पांटून पुलों पर स्नानार्थियों की भारी भीड़ रही। सुबह करीब 11:30 बजे पुल नंबर छह को श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया गया। उसी समय संगम घाट से स्नान करके अखाड़ों के साधु-संत झूंसी की तरफ लौट रहे थे।

संतों को जाता देख पुलिस कर्मियों ने कुछ समय के लिए पुल पर ही लोगों को रोक दिया, जिससे पुल पर अचानक भीड़ का दबाव बढ़ गया। इसपर कुछ स्नानार्थी अपनी जान जोखिम में डालकर पीपा पुल के नीचे से जाने लगे। इस दौरान रेत में पैर धंसने से कई लोग गिर भी गए। हालांकि, किसी को चोट नहीं आई।

संगम नोज पर हर घंटे में तीन लाख से अधिक ने किया स्नान
संगम नोज पर मंगलवार को हर घंटे में तीन लाख से अधिक लोगों ने स्नान ने किया। 13 जनवरी से शुरू हुए स्नान पर्व में श्रद्धालुओं की सबसे अधिक संख्या संगम नोज पर ही पहुंच रही है।

सर्वाधिक लोगों ने दी संगम नोज पर ही स्नान को प्राथमिकता
13 जनवरी को पौष पूर्णिमा और 14 जनवरी को पहले अमृत स्नान पर चार करोड़ से ज्यादा लोगों ने डुबकी लगाई। इसमें सर्वाधिक लोगों ने संगम नोज पर ही स्नान को प्राथमिकता दी। देर रात से ही संगम नोज पर भीड़ जुटने लगी थी।

हर घंटे तीन लाख से ज्यादा लोगों ने किया स्नान
प्रशासन के आंकड़ों के अनुसार, यहां हर घंटे तीन लाख से ज्यादा लोगों ने स्नान किया। वर्ष 2019 में संगम नोज की क्षमता 50 हजार श्रद्धालु प्रति घंटा स्नान की थी, जबकि अब यहां दो लाख से ज्यादा लोग प्रति घंटे स्नान कर सकते हैं, लेकिन भीड़ के दबाव के कारण यह तीन लाख प्रति घंटा तक पहुंच गई।

यह पहले के मुकाबले छह गुना अधिक है। बैराज यांत्रिक खंड अनुरक्षण वाराणसी ने 85 दिनों तक संगम नोज पर 26 हेक्टेयर क्षेत्र का विस्तार किया है। इससे 1650 मीटर क्षेत्र में बालू की बोरी लगाकर अस्थायी घाटों का निर्माण संभव हो सका।

85 दिनों में पूरा कराया काम
सिंचाई विभाग के मुख्य अभियंता (सज्जा एवं सामग्री प्रबंध) उपेंद्र सिंह ने बताया कि चार अमेरिकन ड्रेजिंग मशीनों की मदद से 85 दिनों में इस कार्य को पूरा कराया गया। जहां पहले सिर्फ 50 हजार लोग एक घंटे में स्नान कर पाते थे, उनकी संख्या दो दिन में तीन लाख प्रति घंटा तक पहुंच गई है। लगातार कार्य करके शास्त्री ब्रिज से संगम नोज तक क्षेत्र को विस्तार दिया गया। इसमें दो हेक्टेयर क्षेत्र का विस्तार सिर्फ संगम नोज पर किया गया।

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