इस महा श्मशानघाट पर वेश्याएं करती हैं नृत्य, जानिए इसके पीछे का रहस्‍य

कहते हैं कि जीवन का सफर बहुत लंबा होता है लेकिन उसी जीवन में कई उतार-चढ़ाव और ना जाने किस-किस परेशानी का सामना करना पड़ता है। लेकिन जैसे ही यह सफर समाप्त होता है तो उन परेशानियों का कोई महत्‍व नहीं रह जाता। लोग जिस चीज को पाने के लिए अपना पूरा जीवन लगा देते हैं उन उद्देश्यों, धन-दौलत का कोई मोह नहीं रह जाता क्योंकि कोई इस दुनिया से कभी न कुछ लेकर गया है और न ही ले जा सकता है। शायद यही जीवन की एक अटल और कड़वी सच्चाई है।

आज हम आपको बताने जा रहे हैं मोक्ष की नगरी वाराणसी स्थित मणिकर्णिका घाट के बारे में जिसके बारे में बताया जाता है कि यहां जलाया गया शव सीधे मोक्ष को प्राप्त होता है, उसकी आत्मा को जीवन-मरण के चक्र से मुक्ति मिलती है। यही कारण है कि लोग चाहते हैं कि उनकी मृत्यु के बाद उनका अंतिम-संस्कार बनारस के मणिकर्णिका घाट पर हो।

पहले युवती को बहला-फुसलाया फिर दिखाई ब्लू फिल्म, फिर किया दुष्कर्म

यूं तो वहां पूरे साल गम का माहौल छाया रहता है, लेकिन साल में एक दिन ऐसा भी होता है जब यहां गम नहीं बल्कि खुशी का माहौल होता है। कहा जाता है कि इस शाम बाजे-गाजे के साथ वेश्‍याओं के पांव थिरकते हैं। मान्यता है कि यहां नृत्य करने वाली महिलाओं को अगले जन्म में बेहतर जिंदगी मिलती है।

ब्रेकिंग न्यूज़ : 31 दिसंबर तक यह काम न किया तो बैंक खाता हो जाएगा अवैध

कहा जाता है कि राजा मान सिंह ने इस घाट पर मौजूद एक मंदिर का जीर्णोद्धार करवाया था इसी के उपलक्ष्‍य में यहां हर साल संगीत के कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है। मगर श्मशानघाट होने के कारण कोई भी कलाकार यहां प्रस्तुति करने के लिए तैयार नहीं था इसी कारण इस काम के लिए नगरवधुओं या वेश्याओं ने यहाँ नृत्य किया था और तब से आज तक बिना कोई व्यवधान के यह आयोजन सैकड़ों सालों से होता आ रहा है। यह भी माना जाता है कि लोग यहां दूर-दूर से नगरवधुओं आकर नृत्य करती हैं।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button