महाकुंभ में तकनीक से वीवीआईपी की सुरक्षा करेगा आईआईटी
आईआईटी कानपुर महाकुंभ में तकनीक से वीवीआईपी की सुरक्षा करेगा। 10 से अधिक वरिष्ठ वैज्ञानिकों की टीम के पास डिजिटल सिक्योरिटी के रिव्यू की जिम्मेदारी है। आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, मशीन लर्निंग, इंटरनेट ऑफ थिंग्स, साइबर सुरक्षा समेत अत्याधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करेंगे।
प्रयागराज में शुरू हो रहे महाकुंभ में शामिल होने वाली राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मु, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई गणमान्य हस्तियां की सुरक्षा में आईआईटी कानपुर महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। प्रदेश सरकार ने आईआईटी को डिजिटल सिक्योरिटी के रिव्यू की जिम्मेदारी सौंपी है।
पूरे महाकुंभ की सिक्योरिटी को डबल चेक करने या बदलाव करने की पूरी छूट टीम के पास रहेगी। महोत्सव में हिस्सा लेने देश-विदेश से करोड़ों श्रद्धालुओं के अलावा कई बड़ी राजनीतिक, गैर राजनीतिक हस्तियां भी शामिल होने आएंगी।
महाकुंभ में तकनीक की मदद से सुरक्षा को पुख्ता किया गया है। आईआईटी आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, मशीन लर्निंग, इंटरनेट ऑफ थिंग्स, साइबर सुरक्षा समेत अत्याधुनिक तकनीक का इस्तेमाल कर सुरक्षा के चक्रव्यूह को रिव्यू करेगा।
संस्थान के निदेशक प्रो. मणींद्र अग्रवाल की देखरेख में दस से अधिक वरिष्ठ वैज्ञानिकों की टीम लगातार प्रयागराज का दौरा कर डिजिटल सिक्योरिटी का निरीक्षण कर रही है। जगह-जगह सेंसर लगाए गए हैं। ड्रोन से निगरानी की जा रही है।
वीवीआईपी की सुरक्षा के लिए आरएस-आईडी का इस्तेमाल किया जाएगा। मेटल डिटेक्टर लगाए गए हैं। कई सिक्योरिटी सर्वर बनाए गए हैं। जगह-जगह स्कैनर लगाए गए हैं।
वैज्ञानिक रिव्यू के आधार पर लगातार डिजिटल सिक्योरिटी में फेरबदल करने के साथ अत्याधुनिक तकनीक का इस्तेमाल कर कमियों को दूर करेंगे। प्रभारी प्रो. दीपू फिलिप ने बताया कि कुंभ की सुरक्षा के रिव्यू की जिम्मेदारी दी गई है। इस पर पिछले दो महीनों से काम चल रहा है।