गुजरात में 9 दिवसीय सैन्य प्रशिक्षण लेकर लौटा अजमेर संभाग के 36 स्कूली बच्चों का दल, एयर शो देख हुए खुश
गुजरात के राजकोट जिले में उपलेटा तहसील का प्रांसला गांव भारतीय सेना और अर्द्ध सैनिक बलों के वीरता व बहादुरी के प्रदर्शनों से नौ दिन तक रोमांच से भरा रहा। यहां भारतीय सेना व सुरक्षा बलों के संयुक्त तत्वावधान में नौ दिन तक 25वां राष्ट्र कथा शिविर आयोजित किया गया, जिसमें देश के सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के करीब सोलह हजार स्कूली बच्चों ने हिस्सा लिया। इन बच्चों में शिक्षा विभाग द्वारा चयनित केकड़ी के एक छोटे से गांव मंडा के चार विद्यार्थियों सहित अजमेर संभाग के 36 विद्यार्थी भी शामिल थे।
दल के अजमेर संभाग प्रभारी दिनेश कुमार वैष्णव ने यह जानकारी देते हुए बताया कि शिविर में भारतीय नौसेना, भारतीय तटरक्षक, केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल, सीमा सुरक्षा बल, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल एवं रैपिड एक्शन फोर्स की विभिन्न प्रदर्शनियां और मॉक ड्रिल आकर्षण का केन्द्र रही। इस दौरान भारतीय वायु सेना का एयर शो और सेना में काम आने वाले फाइटर जेट, हैलीकॉप्टर, तोप, टैंक, हैंड गन, शॉट गन, मशीन गन, असॉल्ट राइफल, स्नाइपर राइफल, माउजर, ग्रेनेड, मोर्टार आदि आधुनिक हथियारों को नजदीक से देखना विद्यार्थियों के लिए अनूठा अनुभव रहा।
उन्होंने बताया कि शिविर में विद्यार्थियों को सेना एवं अर्द्ध सैनिक बलों में करियर बनाने के बारे में मार्गदर्शन प्रदान किया गया। शिविर में अग्निपथ योजना के माध्यम से अग्निवीर बनने सहित भारतीय सेना एवं उसके सभी अर्द्ध सैनिक बलों में भर्ती व चयन की प्रक्रिया और पूर्व तैयारी के बारे में विस्तार से जानकारियां दी गई। इसके अलावा शिविर में रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन, विक्रम साराभाई अंतरिक्ष अनुसंधान केन्द्र एवं अंतरिक्ष उपयोग केन्द्र अहमदाबाद की ओर से प्रदर्शनियों के माध्यम से विद्यार्थियों को नेवीगेशन, सैटेलाइट, रिमोट सेंसिंग व कम्युनिकेशन के तकनीकी पहलुओं को बारीकी से बताया गया, जिसे स्कूली बच्चों ने दिलचस्पी के साथ समझने की कोशिश की।
शिविर के विभिन्न सत्रों के दौरान प्रमुख सैन्य अधिकारियों, देश के उच्चतम न्यायालय सहित विभिन्न राज्यों के उच्च न्यायालयों के न्यायाधीश, इसरो के वैज्ञानिकों, अर्थशास्त्रियों, राजनेताओं एवं प्रतिष्ठित हस्तियों सहित विविध क्षेत्रों में सफल व्यक्तियों ने मंच से बच्चों को प्रोत्साहित कर सुनागरिक बनने के लिए प्रेरित किया। शिविर के आयोजक एवं वैदिक मिशन ट्रस्ट के संस्थापक स्वामी धर्मबंधु ने कहा कि देश सेवा के प्रति युवाओं को प्रेरित करना, उनके चरित्र निर्माण की नींव को मजबूत करना और राष्ट्रीय एकीकरण को बढ़ावा देना ही शिविर का मुख्य उद्देश्य है।
दिनेश कुमार वैष्णव ने बताया कि इस दल में उनके अलावा अजमेर संभाग से राउमावि पीपलू के उप प्राचार्य भगवानसहाय विजय, राउमावि सराधना के व्याख्याता रामदेव कालेल, राउमावि रामगंज अजमेर के व्याख्याता अनुराग काबरा, राउप्रावि कृष्णा कॉलोनी ब्यावर के प्रधानाध्यापक मोहनसिंह चौहान, राउमावि बमोर के वरिष्ठ अध्यापक अभिमन्यु सिंह राठौड़, मगारावि जवाजा के वरिष्ठ अध्यापक दयालपुरी गोस्वामी एवं राप्रावि गंगानिवास के प्रबोधक ऋषिराज सोनी भी शामिल रहे। संभाग के 8 शिक्षकों के साथ 36 विद्यार्थियों द्वारा शिविर में सैन्य प्रशिक्षण लेकर वापस लौटने पर इस शिविर के जयपुर नोडल कार्यक्रम अधिकारी भूपेन्द्र सिंह राजावत, स्काउट सीओ गणेशप्रसाद गुर्जर एवं स्कूल शिक्षा अजमेर संभाग के सहायक निदेशक उमरदराज खान ने बधाई दी।
दल का स्वागत करते हुए जिला शिक्षा अधिकारी गोविन्दनारायण शर्मा ने कहा कि देश के युवाओं को बचपन से ही देशभक्ति, अनुशासन और सेवा भावना का पाठ पढ़ाने के लिए यह प्रशिक्षण एक अच्छा कदम साबित होगा। इस शिविर का सबसे बड़ा लाभ यह होगा कि इससे हमारे समाज में फैलती अनुशासनहीनता, मर्यादाहीनता एवं श्रमहीनता पर अंकुश लगेगा। सैनिक शिक्षा से धैर्य, सहिष्णुता, साहस एवं स्वावलंबन को बढ़ावा मिलता है, जिससे राष्ट्र आत्मनिर्भरता की दिशा में अग्रसर होता है।
इस अवसर पर मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी विष्णु शर्मा ने कहा कि अगर बच्चों को शुरुआती उम्र से ही सैनिक प्रशिक्षण दिया जाए, तो वे न केवल अच्छे नागरिक बनेंगे, बल्कि देश की सुरक्षा और विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। हम अपने देश के युवाओं को राष्ट्र की सबसे बड़ी धरोहर मानते हैं। इन्हें सही मार्गदर्शन और प्रशिक्षण दिया जाए तो ये असाधारण उपलब्धियां हासिल कर सकते हैं।