क्या है ऊंटों के स्टेमिना का राज, अंतरराष्ट्रीय ऊंट उत्सव में रॉयल डाइट की हो रही चर्चा
ऊंटों की परंपरागत छवि बदल रही है। जहां आमतौर पर उन्हें केवल चारा खिलाने की बात होती है, वहीं बीकानेर में अंतरराष्ट्रीय कैमल फेस्टिवल को देखते हुए ऊंटों के लिए खास ‘रॉयल डाइट’ तैयार की जा रही है। ऊंटों को अब मोठ और मूंगफली के चारे के साथ दूध, घी, तेल, काजू और बादाम जैसी पोषक चीजें खिलाई जा रही हैं। ऊंट पालक समीर खान ने बताया कि ऊंटों को आकर्षक दिखाने और उनका स्टेमिना बढ़ाने के लिए यह खास खुराक दी जा रही है।
उन्होंने बताया, “हम सुबह-शाम ऊंटों को 10 किलो मोठ और मूंगफली का चारा देते हैं। साथ ही रोजाना दो किलो गाय का दूध, 300 ग्राम घी और सेहत के अनुसार तेल भी दिया जाता है। फेस्टिवल के दौरान ऊंटों की खूबसूरती बढ़ाने के लिए काजू और बादाम भी शामिल किए गए हैं।
समीर खान का ऊंट पिछले साल फर कटिंग और सजावट प्रतियोगिता में तीसरे स्थान पर रहा था और इस बार भी वह फेस्टिवल में भाग ले रहा है। उनका ऊंट करीब 700-800 किलो वजनी है और इसकी खास देखभाल की जा रही है।
जिले में सैकड़ों ऊंट पालक हैं, लेकिन कुछ ही पालक हैं जो अपने ऊंटों को इस तरह की रॉयल डाइट पर रखते हैं। यह डाइट ऊंटों को न केवल आकर्षक बनाती है, बल्कि उनका स्टेमिना भी बढ़ाती है, ताकि वे ऊंट दौड़ में बेहतर प्रदर्शन कर सकें। कैमल फेस्टिवल में हर साल 20-30 ऊंट दौड़ में हिस्सा लेते हैं, और वे 50-60 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ सकते हैं।