शिक्षक की दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या, मुखिया प्रतिनिधि और प्रधानाध्यापक के खिलाफ नामजद प्राथमिकी
शेखपुरा जिले में शिक्षक पिंटू रजक की दिनदहाड़े हत्या से शिक्षक समाज में गहरा आक्रोश और हड़कंप है। राष्ट्रीय राजमार्ग पर घटी इस घटना ने पूरे क्षेत्र को झकझोर कर रख दिया है। पिंटू रजक को दो बाइक पर सवार चार बदमाशों ने रास्ते में रोककर गोली मारी। गंभीर हालत में एक हार्वेस्टर चालक ने उन्हें अस्पताल पहुंचाया, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
हत्या में प्राथमिकी से सामने आए नए तथ्य
जानकारी के मुताबिक, मृतक शिक्षक की पत्नी प्रमिला देवी द्वारा दर्ज कराई गई प्राथमिकी से मामला नया मोड़ ले चुका है। प्राथमिकी में गांव के मुखिया प्रतिनिधि शंकर सिंह और स्कूल की प्रभारी प्रधानाध्यापक मीरा कुमारी को नामजद किया गया है। हत्या का संभावित कारण प्रभारी पद को लेकर विवाद बताया जा रहा है।
एएसपी राकेश कुमार ने बताया कि मीरा कुमारी को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है और उनसे पूछताछ जारी है। साथ ही मृतक शिक्षक के सहकर्मियों से भी बयान लिए जा रहे हैं। पुलिस ने शिक्षक के मोबाइल का कॉल डिटेल निकाला है और जांच कर रही है कि हत्या के पहले किन-किन लोगों से संपर्क किया गया था।
चरित्र विवाद और पुरानी घटनाओं से जुड़ी चर्चाएं
मृतक पिंटू रजक के चरित्र को लेकर पहले भी सवाल उठ चुके हैं। करीब दो वर्ष पूर्व उनका एक आपत्तिजनक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, जिसमें वे एक अन्य शिक्षिका के साथ नजर आए थे। इस घटना के बाद शिक्षा विभाग ने उन्हें स्थानांतरित कर दिया था। उस समय वह गगरी पंचायत के गुनहेसा विद्यालय में पदस्थापित थे, लेकिन बाद में गगरी विद्यालय भेज दिया गया। पिंटू रजक नियोजित शिक्षक थे, लेकिन शिक्षा विभाग में उनकी अच्छी पकड़ मानी जाती थी।
हत्या से शिक्षक समाज में आक्रोश
शिक्षक संगठनों ने इस घटना पर गहरा आक्रोश व्यक्त किया है और दोषियों की जल्द गिरफ्तारी की मांग की है। उनका कहना है कि शिक्षकों पर ऐसे हमले न केवल दुखद हैं बल्कि समाज के प्रति उनके योगदान का अपमान भी हैं।
पुलिस की कार्रवाई और जांच
पुलिस मामले की हर पहलू से जांच कर रही है। एएसपी ने कहा कि हत्या में शामिल अन्य लोगों की पहचान कर गिरफ्तारी के लिए प्रयास जारी हैं। मृतक के कॉल रिकॉर्ड और विवादों को आधार बनाकर जांच को आगे बढ़ाया जा रहा है।
समाज में उठे सवाल
शिक्षक की हत्या ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं कि क्या यह हत्या वाकई प्रभारी पद के विवाद से जुड़ी थी या इसके पीछे कोई और कारण है? पिंटू रजक की पुरानी विवादित घटनाओं का इस हत्या से कोई संबंध है? शिक्षा विभाग और प्रशासन ऐसे विवादों को रोकने के लिए क्या कदम उठा सकता है?