हरियाणा में जमकर बारिश: खेतों में बिछी सफेद चादर, चार दिन के लिए शीतलहर व कोहरे का यलो अलर्ट

हरियाणा समेत उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में शुक्रवार को इस सीजन में पहली बार जमकर मेघा बरसे। शुक्रवार तड़के हल्की बारिश शुरू हुई जो दिन निकलने के साथ बढ़ती गई। रात तक रुक-रुक कर बारिश होती रही। कई शहरों में दिन में ही अंधेरा छा गया। मौसम विभाग ने शनिवार को भी उत्तर पश्चिम और मध्य भारत में हल्की से मध्यम बारिश, तूफान और बिजली गिरने को लेकर यलो अलर्ट जारी किया है। हरियाणा में 31 दिसंबर तक येलो अलर्ट भी जारी किया गया है।

मौसम विशेषज्ञ डॉ. चंद्रमोहन ने बताया कि वीरवार रात को एक उत्तरी पर्वतीय क्षेत्रों में एक मध्यम श्रेणी का पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हुआ है। इसके असर से शुक्रवार को सभी जगह बारिश हुई। शाम तक कुलज 3.7 एमएम बारिश हुई है। सबसे ज्यादा बारिश सोनीपत में 46 एमएम हुई, जबकि अंबाला में 8.5 एमएम, हिसार 15.6, नारनौल 22.0, रोहतक 23.8, भिवानी 14.1, सिरसा 7.0, जींद 14.2, कुरुक्षेत्र में 11.5 व पानीपत में दो एमएम बारिश हुई। इसी बीच सिरसा, फतेहाबाद, हिसार, भिवानी, कैथल व करनाल में कहीं-कहीं ओलावृष्टि भी हुई। फतेहाबाद जिले के 10 गांवों में भारी ओलावृष्टि हुई। करीब 10 से 15 मिनट तक ओलों की बारिश होती रही।

आगे ऐसा रहेगा मौसम
28 दिसंबर को भी हरियाणा, एनसीआर व दिल्ली के उत्तरी और पूर्वी हिस्सों पर इस विक्षोभ का प्रभाव देखने को मिलेगा। 29 दिसंबर से हवाओं की दिशा बदल कर उत्तरी होने से प्रदेशभर में ठंड विकराल रूप अख्तियार करेगी। इसके असर से कोहरा व शीतलहर चरम पर होंगे।

फसलों पर ये रहेगा असर
हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के गेहूं विभाग के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. ओपी बिश्नोई ने बताया कि यह बारिश गेहूं व सरसों दोनों फसलों के लिए फायदेमंद साबित होगी। ओलावृष्टि से सिर्फ सरसों की फसल में नुकसान की आशंका है। गेहूं का पौधा छोटा होने व अभी दाने नहीं बनने के कारण इसे ओलावृष्टि से नुकसान नहीं हुआ है।

हरियाणा कृषि विभाग की तरफ से बचाव में एडवाइजरी जारी
शीतलहर और ठंड के चलते हरियाणा में सरसों की फसल और सब्जियों पर पाला की मार पड़ने लगी है। सरसों की फसल और सब्जियों को बचाने के लिए हरियाणा कृषि विभाग की तरफ उपाय की एडवाइजरी जारी की गई है। सब्जियों में मटर, टमाटर और मिर्च के पौधे पाले के कारण काले पड़ने लगे है। हालांकि, गेंहू की फसल पर परेशानी की बात नहीं है। वहीं, किसानों के बीच मुआवजे की मांग भी उठने लगी है।

हरियाणा कृषि विभाग के संयुक्त सचिव जसविंदर सिंह ने बताया कि चार डिग्री या इससे कम तापमान के कारण फसल पाला से प्रभावित होने लगती है। फसल को शीतलहर या पाला से बचाने के लिए रात में प्लास्टिक शीट, जूट, फूस की बनी टाट या पुआल से ढंकना चाहिए। इसके लिए सावधानी बरतने वाला तथ्य होता है कि जिस भी चीज से फसल को ढंक रहे हैं, वह वजनी न हो वरना पौधे झुक या टूट जाएंगे।हिसार में न्यूनतम तापमान 1.7 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया था, यह सीजन की सबसे ठंडी रात थी।

इन उपायों से करें बचाव
फसल को ढकना
फसल को पानी देना
फसल को उर्वरक देना (इसके लिए कैल्शियम कार्बोनेट, मैग्नीशियम कार्बोनेट जैसे रसायनों का उपयोग कर सकते हैं)
सरसों की फसल को पाला से बचाने के लिए प्लास्टिक की शीट, जूट की बोरी का उपयोग

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