ट्रंप के आते ही परमाणु टेस्ट की तैयारी में अमेरिका! रूस ने दी खुली धमकी

डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल के दौरान अमेरिका परमाणु परीक्षण की तैयारी कर रहा है। इस बीच रूस ने अमेरिका को चेतावनी दी है। उसने कहा कि मॉस्को अपने विकल्प खुले रखेगा। बता दें कि 1945 में अमेरिका ने न्यू मैक्सिको के अलामोगोर्डो में पहली बार परमाणु परीक्षण किया था।

अब लगभग 80 साल बाद दुनिया की दो सबसे बड़ी परमाणु शक्तियों के बीच परमाणु परीक्षण की होड़ शुरू होने का खतरा बढ़ गया है। रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने भी कहा है कि अगर अमेरिका परमाणु हथियार का परीक्षण करता है तो रूस भी उस पर विचार करेगा।

हमारे विकल्प खुले: रूस

हथियार नियंत्रण की देखरेख करने वाले उप विदेश मंत्री सर्गेई रयाबकोव ने कहा कि ट्रंप ने अपने पहले कार्यकाल के दौरान परमाणु परीक्षण प्रतिबंध संधि (CTBT) पर कड़ा रुख अपनाया था। उन्होंने कहा कि अगर अमेरिका परमाणु परीक्षण करता है तो मॉस्को भी अपने विकल्प खुले रखेगा।

बता दें कि 2020 में वाशिंगटन पोस्ट ने रिपोर्ट किया था कि राष्ट्रपति के रूप में ट्रंप ने अपने पहले कार्यकाल में 1992 के बाद पहला परमाणु परीक्षण करने पर चर्चा की थी।

अमेरिका का रुख शत्रुतापूर्ण
एक अखबार को दिए इंटरव्यू में रयाबकोव ने कहा कि मौजूदा समय में अंतरराष्ट्रीय स्थिति बेहद कठिन है। अमेरिकी नीति भी कई पहलुओं में आज हमारे खिलाफ बेहद शत्रुतापूर्ण है। उन्होंने कहा कि सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हमारे पास कार्य करने के विकल्प हैं। राजनीतिक रूप से उचित संकेत भेजने के लिए हमारे पास संभावित उपाय हैं। इनमें से किसी भी संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता।

रूस CTBT से बाहर
2023 में व्लादिमीर पुतिन ने औपचारिक रूप से व्यापक परमाणु परीक्षण प्रतिबंध संधि (CTBT) से रूस को बाहर निकाल लिया था। इस संधि पर रूस ने 1996 में हस्ताक्षर किए थे और 2000 में इसकी पुष्टि की गई थी। वहीं अमेरिका ने 1996 में इस संधि पर हस्ताक्षर किए थे। मगर इसकी पुष्टि नहीं की।

रूस और अमेरिका के पास 88% परमाणु बम
कुछ हथियार नियंत्रण विशेषज्ञों को आशंका है कि अमेरिका नए हथियार विकसित करने के उद्देश्य से परीक्षण दोबारा शुरू कर सकता है। अमेरिका इसके माध्यम से रूस और चीन को संदेश भेज सकता है। फेडरेशन ऑफ अमेरिकन साइंटिस्ट्स के मुताबिक 5,580 वारहेड के साथ रूस और 5,044 के साथ अमेरिका अब तक दुनिया की सबसे बड़ी परमाणु ताकतें हैं। दोनों देशों के पास दुनिया के लगभग 88% परमाणु हथियार हैं।चीन के पास करीब 500 परमाणु हथियार हैं।

पांच दशक में 5 हजार परमाणु परीक्षण
संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक 1945 से 1996 के बीच पांच दशकों में 2,000 से अधिक परमाणु परीक्षण किए गए। इनमें से 1,032 परीक्षण अकेले अमेरिका ने किए। वहीं 715 परीक्षण सोवियत संघ ने किए। सोवियत संघ के बाद रूस ने कोई परमाणु परीक्षण नहीं किया। सोवियत संघ ने आखिरी परमाणु परीक्षण 1990 में किया था।

सोवियत संघ टूटने के बाद इन देशों ने किया परमाणु परीक्षण
आर्म्स कंट्रोल एसोसिएशन के अनुसार 1991 में सोवियत संघ के टूटने के बाद सिर्फ कुछ देशों ने ही परमाणु परीक्षण किए हैं। अमेरिका ने आखिरी बार 1992, चीन और फ्रांस ने 1996, भारत और पाकिस्तान ने 1998 में और उत्तर कोरिया ने 2017 में परमाणु परीक्षण किया था।

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