कटड़ा रोपवे मुद्दे पर कांग्रेस और पुलिस के बीच टकराव
कांग्रेस के शिष्टमंडल को कटड़ा रोपवे विरोध में शामिल होने के लिए पुलिस ने बन टोल प्लाजा पर रोका, और भल्ला ने भाजपा पर यात्रियों की सुविधाओं को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया।
कटड़ा रोपवे आंदोलन में शामिल लोगों से मिलने जा रहे कांग्रेस के एक शिष्टमंडल को वीरवार की दोपहर भारी पुलिस बल ने बन टोल प्लाजा नगरोटा पर रोक दिया। करीब दो घंटे तक कांग्रेस नेताओं और पुलिस अधिकारियों के बीच उन्हें आगे जाने देने की अनुमति देने को लेकर बहस होती रही, लेकिन पुलिस ने उन्हें आगे नहीं जाने दिया। पार्टी नेताओं ने आरोप लगाया कि कटड़ा में दो दिन से हड़ताल चल रही है, लेकिन इस मुद्दे पर भाजपा खामोश है। उन्हें यात्रियों की बुनियादी सुविधाओं को लेकर कोई परवाह नहीं है।
पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष रमण भल्ला ने कहा कि कटड़ा रोपवे विरोधी प्रदर्शनकारियों के खिलाफ एफआईआर लगाना गलत है। वे अपने हक के लिए लड़ रहे हैं। प्रशासन को माहौल को शांतिपूर्ण बनाने के लिए हितधारकों को शामिल करना चाहिए। बोर्ड अड़ियल रवैये पर अड़ा हुआ है।रोपवे के खिलाफ हड़ताल को पहले जिला प्रशासन द्वारा श्राइन बोर्ड के अधिकारियों सहित विभिन्न हितधारकों के साथ बातचीत करने का आश्वासन दिए जाने के बाद वापस ले लिया गया था।
लेकिन प्रशासन द्वारा पीछे हटने के कारण उन्हें फिर संघर्ष के लिए सड़क पर उतरना पड़ा। उन्होंने कटड़ा में व्यापार के अलावा तीर्थयात्रियों को पवित्र तीर्थस्थल तक पहुंचाने में लगे हजारों श्रमिकों की आजीविका पर चिंता जताई। रोपवे परियोजना तीर्थयात्रियों को पारंपरिक पैदल मार्ग से दूर कर देगी। यह परियोजना स्थानीय चिंताओं की अनदेखी करती है।
इस गतिरोध को हल करने के लिए बातचीत जरूरी है। बल प्रयोग इसका समाधान नहीं है। उन्होंने उपराज्यपाल से रोपवे के निर्माण पर पुनर्विचार करने का अनुरोध किया। रोपवे के निर्माण से मंदिर के रास्ते में तीन महत्वपूर्ण स्थान बाईपास हो जाएंगे। शिष्टमंडल में पूर्व मंत्री योगेश साहनी, वेद महाजन, जम्मू शहरी जिला अध्यक्ष मनमोहन सिंह, सतीश शर्मा, अजय लखोत्रा, एपी सिंह लकी आदि शामिल रहे।