बांग्लादेश की आर्मी को ट्रेनिंग देगी पाक सेना

1971 का वो दौर याद कीजिए, जब तत्कालीन पूर्वी पाकिस्तान से क्रूरता की हदें पार कर रही पाकिस्तानी सेना को खदेड़कर बाहर कर दिया गया था। इसके बाद एक नये देश का जन्म हुआ, जिसे अब हम बांग्लादेश के नाम से जानते हैं।

अब करीब 53 साल बाद उसी बांग्लादेश में फिर से पाकिस्तानी सेना ने एंट्री कर ली है। लेकिन इस बार मामला उल्टा है। कभी बांग्लादेश में दमन करने वाली पाकिस्तानी सेना अब बांग्लादेश की सेना को ट्रेनिंग देने वाली है।

फरवरी से होगी शुरुआत

पाकिस्तानी सेना के मेजर जनरल रैंक के अफसर के नेतृत्व में एक स्पेशल टीम तैयार की गई है। ये टीम बांग्लादेश की सेना को ट्रेनिंग देगी। इस अभ्यास की शुरुआत फरवरी से होगी।

बांग्लादेश के मेमनशाही कैंट में आर्मी ट्रेनिंग एंड डॉक्ट्रिन कमांड मुख्यालय में पहले चरण की ट्रेनिंग की जाएगी। पहला चरण करीब 1 साल तक चलेगा। इसके बाद सभी 10 कमांड को भी ट्रेनिंग की जाएगी। इसे बांग्लादेश की अंतरिम सरकार द्वारा पाकिस्तान से सैन्य और रणनीतिक संबंधों को स्थापित करने की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है।

नौसेना भी करेगी अभ्यास

फरवरी 2025 में पाकिस्तान की नौसेना के सात बांग्लादेश का युद्धाभ्यास होने वाला है। इसे अमन 2025 नाम दिया गया है। ये युद्धाभ्यास कराची पोर्ट पर होगा। पाकिस्तान में इसका आयोजन हर दो साल में होता है।

बांग्लादेश पिछले 15 साल से इसमें शामिल नहीं हुआ था। दरअसल शेख हसीना की सरकार ने पाकिस्तान के साथ किसी भी तरह के सैन्य अभ्यास पर रोक लगा दी थी।

पाकिस्तान प्रेम में उलझे यूनुस

बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस की दिलचस्पी पाकिस्तान में कुछ ज्यादा ही है। बीते दिनों डी-8 देशों के सम्मेलन में यूनुस ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ से मुलाकात की थी।युनूस ने इस दौरान शरीफ से 1971 की शिकायतें मिलकर दूर करने को भी कहा था। बांग्लादेश का ये नया-नया पाकिस्तान प्रेम भारत के लिए तनाव के संकेत पैदा करने वाला है।

पाकिस्तान ने भेजा था प्रस्ताव

पाकिस्तानी आर्मी के जॉइंट चीफ ऑप स्टाफ कमेटी के चेयरमैन जनरल साहिर शमशाद मिर्जा ने नवंबर में ट्रेनिंग के लिए लिए प्रस्ताव भेजा था। इसके बाद बांग्लादेश के सेना प्रमुख जनरल वकार-उज-जमान ने इस प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया।वकार-उज-जमान वही व्यक्ति हैं, जिनके निर्देश पर शेख हसीना के ढाका छोड़ने के बाद मोहम्मद यूनुस के नेतृ्त्व में बांग्लादेश में अंतरिम सरकार का गठन हुआ था। 2022 में शेख हसीना के कार्यकाल में बांग्लादेश के चटगांव पोर्ट पर पाकिस्तान के वॉरशिप को रुकने की अनुमति भी नहीं दी गई थी।

भारत के लिए खतरे की घंटी

बांग्लादेश में पाकिस्तान का बढ़ता दखल भारत के लिए खतरे का संकेत है।
इससे भारत के चिकन नेक यानी सिलीगुड़ी कॉरिडोर पर खतरा बढ़ सकता है।
चिकन नेक कॉरिडोर के पास डोकलाम भी मौजूद है।
चीन इस पर कब्जा करना चाहता है।
पाकिस्तान के बाद अब बांग्लादेश में चीन के लिए अनुकूल हालात हैं।

क्या हुआ था 1971 में?

1971 से पहले तक पाकिस्तान पूर्वी और पश्चिमी हिस्से में बंटा हुआ था। पूर्वी पाकिस्तान भाषा और संस्कृति के लिहाज से पश्चिमी पाकिस्तान से काफी अलग था। यही वजह है कि पाकिस्तान की सेना पूर्व में लोगों का जमकर दमन कर रही थी।लेकिन भारत के सहयोग से पूर्वी पाकिस्तान को दमनकारी शक्तियों से आजादी मिल गई और बांग्लादेश का जन्म हुआ। इस आजादी की लड़ाई में लाखों महिलाओं का रेप हुआ, लोगों का खुलेआम कत्लेआम किया गया था।

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