बंगाल में पाया गया रहस्यमय पौधा, क्या यह सच में इंसानों को भी खा सकता है?

पश्चिम बंगाल के मिदिनीपुर में एक कीट खाने वाला पौधा काफी समय से पाया जाता है, जिसका नाम है संड्यूज बैंकुरा. इसे मांसाहारी सोचकर घबराने की जरूरत नहीं है. बता दें कि अमेजन जंगल का मांसाहारी पौधा बैंकुरा, बंगाल में पाया गया है और इस मुद्दे ने अब आम लोगों के बीच एक गर्मा-गर्म बहस छेड़ दी है. इसने सभी के बीच काफी चिंता पैदा कर दी है. हालांकि, इस पौधे की तस्वीर में यह बहुत बड़ा नजर आ रहा है, असल में यह इतना बड़ा नहीं है. यह पौधा थोड़ा छोटा और लाल-नारंगी रंग का होता है, जिसे मांसाहारी कहना गलत होगा.

संड्यूज पौधे की विशेषता
असल में, इस विशेष पौधे की प्रजाति मुख्य रूप से छोटे कीटों को खाती है. यह अपनी शरीर पर एक विशेष ओस जैसे रस के जरिए कीटों को आकर्षित करता है और उन कीटों से रस सोखकर अपनी ज़िंदगी चलाता है. इसी प्रकार की एक विशेष प्रजाति है संड्यूज या सूर्या शिशिर. यह पौधा अफ्रीकी प्रजाति का है और यह सिर्फ बैंकुरा में ही नहीं, बल्कि पश्चिम मिदनापुर जिले के कई वन क्षेत्रों में भी लंबे समय से पाया जाता है. बता दें कि यह मांसाहारी नहीं है और आम लोगों या अन्य वन्य जीवों को कोई नुकसान नहीं पहुंचाता.

कैसे बढ़ता है संड्यूज पौधा
यह संड्यूज मुख्य रूप से चट्टानी क्षेत्रों में उगता है. यह बहुत छोटा होता है और इसका रंग लाल-नारंगी होता है. इसके पत्ते गोल होते हैं और पत्तों के आस-पास एक शाखा जैसी संरचना होती है. इसके ऊपर एक चिपचिपी पदार्थ (sticky substance) होता है जो ओस की तरह लगता है. इस संड्यूज का रंग और इसकी चिपचिपी पदार्थ जैसे ओस के कण और अन्य छोटे कीटों को आकर्षित करते हैं. जब कोई कीट उस चिपचिपी पदार्थ में फंस जाता है, तो वो जीवित नहीं बच सकता.

सोशल मीडिया पर संड्यूज पौधे का डर
बता दें कि आजकल के सोशल मीडिया के दौर में, बैंकुरा में संड्यूज या सूर्याशिशिर के अस्तित्व को लेकर बहुत चिंता फैल गई है. कुछ लोग इसे मांसाहारी समझकर इस पौधे को नष्ट कर रहे हैं. हालांकि, यह पौधा पश्चिम मिदनापुर के कई जंगलों में, जैसे गुर्गुरीपाल, चंद्रा, लालगढ़ में पहले से ही पाया जाता रहा है.

गांव वालों का नजरिया
गांव वाले इस पौधे को काफी समय से देख रहे हैं, लेकिन उन्हें इसका कोई डर नहीं है. हालांकि, यह पौधा बंगाल और भारत में लगभग लुप्त हो चुका है. यह मनुष्यों या बड़े जानवरों को कोई नुकसान नहीं पहुंचाता. भले ही यह कीटों को भोजन के रूप में खाता हो, लेकिन इसे मांसाहारी पौधा कहना गलत होगा.

वन विभाग की पहल
फिर भी, वन विभाग ऐसे लुप्त होते पौधों को बचाने के लिए पहल कर रहा है. लोग डर या घबराहट के कारण इन पौधों को नष्ट कर सकते हैं. इसलिए, मिदनापुर वन विभाग इस पौधे को जहां-जहां पाया जाता है, वहां के स्थानों की पहचान करने और उन्हें बचाने की योजना बना रहा है. प्राकृतिक रूप से, संड्यूज मिदनापुर में लंबे समय से पाया जा रहा है, और वन विभाग ने लोगों से अपील की है कि इस मुद्दे से डरने की कोई आवश्यकता नहीं है.

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