एक अनोखी जनजाति, दूध में मिलाकर पीती है खून, ये हैं दुनिया के सबसे लंबे लोग
दुनिया के अलग-अलग देशों और संस्कृतियों में खान-पान की भिन्न-भिन्न परंपराएं हैं. कहीं दूध से बनी चीजें खूब खाई जाती हैं, तो कहीं मांस मांस भोजन का अहम हिस्सा होता है. शाकाहार और मांसाहार को लेकर बहस तो चलती ही रहती है. आमतौर फूड हैबिड भौगोलिक परिस्थितियों पर निर्भर करती है. आज हम आपको अफ्रीका की एक ऐसी जनजाति के बारे में बताने वाले हैं, जो दूध में जानवर का खून मिलाकर पीते हैं और इससे मेहमानों का स्वागत भी करते हैं.
दूध में खून मिलाकर पीने जैसी अजीब लगने वाली फूड हैबिट वाली जनजाति का नाम मसाई है. यह अर्द्ध-खानाबदोश जनजाति मुख्यत: दक्षिणी केन्या, उत्तरी तंजानिया और इथोपिया में निवास करती है. यह एक नीलोटिक जातीय समूह है.
जानवरों के इर्द-गिर्द जिंदगी
मसाई जनजाति के लोगों का जीवन काफी हद तक जानवरों पर निर्भर होता है. सैकड़ों की संख्या में गाएं पालते हैं. मसाई जनजाति के पारंपरिक आहार में छह बुनियादी चीजें शामिल हैं- मांस, रक्त, दूध, फैट, शहद और पेड़ की छाल. वे ताजा दूध भी पीते हैं और कभी-कभी इसमें मवेशी का ताजा खून भी मिलाते हैं. दूध में खून मिलाकर आमतौर पर धार्मिक परंपराओं के दौरान पीते हैं. इसे मसाई लोग बीमार पड़ने पर भी पीते हैं. ये लोग खून निकालने के लिए मवेशी के गले की नस को काटते हैं या उसे पंचर कर देते हैं.
दुनिया के सबसे लंबे लोग हैं मसाई
अफ्रीका की मसाई जनजाति के लोग दुनिया के सबसे लंबे लोगों में से हैं. मसाई जनजाति के लोगों की औसत लंबाई 190.5 सेमी / 6.25 फीट है. लंबाई में इनकी बराबरी सिर्फ तुत्सी जनजाति के लोग ही कर पाते हैं.
किसकी पूजा करते हैं मसाई
मसाई जनजाति के लोग एकेश्वरवादी हैं. एन्गई नाम के देवता की पूजा करते हैं. मसाई जनजाति के एन्गई देवता के दो रूप हैं- एन्गई नारोक और एन्गई ना न्योकी. एन्गई नारोक हरी भरी घास और समृद्धि लाते हैं और एन्गई ना न्योकी अकाल और भूख लाते हैं. हालांकि अब बड़ी संख्या में मसाई लोगों ने ईसाई धर्म भी अपना लिया है.