‘हनी मिशन’ के अनोखे तरीके से मनी कमाईए, जानिए कैसे
ये भी पढ़े: भैंसों की मौत की खबर सुनकर आ गई साले-बहनोई की मौत
अब ऐसी तकनीकी आ गई है, जिसके माध्यम से शहद निकालते समय मधुमक्खियां नहीं मरतीं। मोम और पॉलन भी बनता है। न केवल किसान बल्कि बेरोजगार युवक भी इसे रोजगार के लिए अपना सकते हैं।
खादी ग्रामोद्योग आयोग की ‘हनी मिशन’ परियोजना के तहत कानपुर के जेके हाउस, कमला नगर में आयोजित छह दिवसीय प्रशिक्षण समारोह का उद्घाटन आयोग के अध्यक्ष विनय कुमार सक्सेना और सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम तथा खादी ग्रामोद्योग मंत्री सत्यदेव पचौरी ने किया।
आयोग के अध्यक्ष ने स्वीट क्रांति की जरूरत पर जोर देते हुए बताया कि जेके ग्रुप की पहल पर आयोग बेरोजगार युवकों और किसानों के लिए यह प्रशिक्षण कार्यक्रम कर रहा है।
आयोग किसानों को मधुमक्खी पालन के लिए बॉक्स बड़े पैमाने पर उपलब्ध कराएगा। प्रशिक्षण भी देगा। प्रशिक्षण स्थल पर प्रदर्शनी भी लगाई गई है। उन्होंने राष्ट्रपति आवास और तिहाड़ जेल में मधुमक्खी पालन के 500-500 बाक्स लगाए हैं।
दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम सहित विभिन्न पार्कों में 5000 बॉक्स लगे हैं। खादी ग्रामोद्योग मंत्री ने बताया कि नौजवानों को प्रशिक्षण देकर स्वावलंबी बनाया जाएगा। रोजगार देने के लिए गांव की तरफ चलने पर जोर दिया।
उत्तर प्रदेश खादी ग्रामोद्योग महासंघ के अध्यक्ष सुरेश गुप्ता ने बताया कि मधुमक्खी पालन के 10 बॉक्स और उनसे शहद निकालने वाला उपकरण 60 हजार रुपये में उपलब्ध कराया जा रहा है। संचालन खादी ग्रामोद्योग आयोग के निदेशक आरएस पांडेय ने किया।
विधायक महेश त्रिवेदी, खादी बोर्ड के सीईओ अखिलेश मिश्रा, जेके सीमेंट के महाप्रबंधक एके सरावगी, खादी ग्रामोद्योग आयोग के जोनल अधिकारी एसपी पांडेय, भाजपा दक्षिण इकाई जिलाध्यक्ष अनिता गुप्ता, कृष्ण मोहन पांडेय आदि शामिल रहे।