हरियाणा में अब 5वीं-8वीं में बच्चों को किया जा सकेगा फेल
पहले आरटीई 2009 के तहत किसी भी विद्यार्थी को 1 से 8वीं कक्षा तक फेल नहीं किया जाता था। हर हाल में विद्यार्थी को पास करना जरूरी था। नए नियम जारी होने के बाद पुराना नियम स्वत: रद्द माना जाएगा।
हरियाणा में अब विद्यार्थियों को 5वीं व 8वीं कक्षा में अध्यापक फेल कर सकेंगे। हरियाणा शिक्षा निदेशालय नए सत्र से इसको लेकर नियमों में संशोधन करने जा रहा है। इसके लिए जिला शिक्षा अधिकारियों को पत्र भी जारी कर दिया गया है।
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की तरफ से शिक्षा के अधिकार (आरटीई)-2009 में 15 साल बाद इसको लेकर बदलाव किए जाने के बाद हरियाणा सरकार अगले सत्र से इसे लागू करने जा रही है। नए नियमानुसार, अब 5वीं और 8वीं कक्षा में विद्यार्थी को पास अंक लेना अनिवार्य होगा, अन्यथा उसे अगली कक्षा में दाखिला नहीं मिलेगा।
हालांकि फेल होने की स्थिति में बच्चों को एक मर्सी चांस भी मिलेगा। 60 दिन बाद फिर से विद्यार्थी की योग्यता के आधार पर परीक्षा ली जाएगी। अगर उसके बाद भी वह पास अंक नहीं ले पाता है तो उसे अगली कक्षा में दाखिला नहीं मिलेगा। पहले उसे परीक्षा पास करनी होगी। उसके बाद ही उसे अगली कक्षा में दाखिला मिलेगा।
अतिरिक्त कक्षाएं लगानी होंगी
सरकार के निर्देशों के मुताबिक, इन कक्षाओं की परीक्षा में कम अंक लाने वाले विद्यार्थियों की अतिरिक्त कक्षाएं लगाई जाएंगी। साथ ही अगर स्कूल मुखिया को लगेगा कि विद्यार्थी के अभिभावकों की काउंसिलिंग करने की आवश्यकता है तो वह ऐसा भी कर सकेंगे।
इसलिए किया जा रहा बदलाव
शिक्षा मंत्रालय के अधिकारियों के पास शिकायत पहुंच रही थी कि 1 से 8वीं कक्षा में फेल न करने से विद्यार्थी सही ढंग से पढ़ाई नहीं कर रहे। उनका लर्निंग लेवल भी बिगड़ रहा था। इसमें वह बीती कक्षा के पाठ्यक्रम को भूलता जा रहा था और अगली कक्षा में दाखिला लेता जा रहा था। जब विद्यार्थी 9वीं कक्षा में दाखिला ले रहा था तो शिक्षकों को उस पर काफी मशक्कत करनी पड़ती थी।
स्कूल से नहीं निकाल सकता प्रबंधन
शिक्षा मंत्रालय ने पत्र में साफ किया है कि जब तक विद्यार्थी प्रारंभिक शिक्षा पास नहीं कर लेता तब तक उसे स्कूल से नहीं निकाला जा सकता है। अगर नियमों का उल्लंघन होता है तो संबंधित स्कूल संचालक व प्रबंधन के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी।
हमें मुख्यालय से पत्र मिला है कि 5वीं व 8वीं कक्षा में विद्यार्थी को पास अंक लेने अनिवार्य होंगे। यदि पास अंक नहीं ले पाता है तो उसे एक मर्सी चांस मिलेगा। उसके बाद भी पास अंक नहीं ले पाता है तो विद्यार्थी को अगली कक्षा में दाखिला नहीं मिल सकेगा। नए शैक्षणिक सत्र 2025 से इसे लागू किया जाएगा। – निर्मल दहिया, जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी, हिसार।