पहले भारतवंशियों से मिले मोदी, आज मिलेगा ‘गार्ड ऑफ ऑनर’

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिन के कुवैत दौरे पर हैं। कुवैत पहुंचते ही पीएम का जोरदार स्वागत हुआ। पीएम ने आज अरेबियन गल्फ कप के उद्घाटन समारोह के दौरान कुवैत के अमीर शेख मेशल अल-अहमद अल-जबर अल सबाह से भी मुलाकात की। 

मोदी ने एक पोस्ट में लिखा की कुवैत के महामहिम अमीर शेख से मिलकर मुझे खुशी हुई।

पीएम मोदी को दिया जाएगा गार्ड ऑफ ऑनर

पीएम मोदी आज कुवैत की यात्रा के अंतिम दिन वहां के प्रधानमंत्री से भी मुलाकात करेंगे। प्रधानमंत्री को कुवैत के बायन पैलेस में गार्ड ऑफ ऑनर से सम्मानित किया जाएगा।

भारतीय प्रवासियों से की मुलाकात
पीएम ने इससे पहले प्रवासी भारतीयों से मुलाकात की। पीएम ने इस दौरान उन्हें अगले साल भुवनेश्वर में आयोजित होने वाले ‘प्रवासी भारतीय दिवस’ में सक्रिय भागीदारी निभाने पर जोर दिया।

‘Hala Modi’ कार्यक्रम में बोलते हुए पीएम ने कहा, ”विकसित भारत की यात्रा भारतीय प्रवासियों की सक्रिय भागीदारी के बिना पूरी नहीं हो सकती। इसलिए, मैं आप सभी को विकसित भारत की भावना में शामिल होने के लिए आमंत्रित करता हूं।”

101 वर्षीय सेवानिवृत्त आइएफएस हांडा से भी की मुलाकात
मोदी ने 101 वर्षीय सेवानिवृत्त आइएफएस हांडा से भी की मुलाकात मोदी ने कुवैत में रहने वाले भारतीय विदेश सेवा (आइएफएस) के सेवानिवृत्त अधिकारी 101 वर्षीय मंगल सैन हांडा से भी मुलाकात की।

मोदी ने एक्स पर लिखा- ‘आज दोपहर कुवैत में हांडा जी से मिलकर बहुत खुशी हुई। मैं भारत के लिए उनके योगदान और भारत के विकास के प्रति उनके जुनून की प्रशंसा करता हूं।’ हांडा की नातिन श्रेया जुनेजा ने मोदी से उनके नानाजी से मिलने का अनुरोध किया था।

मोदी ने कहा-‘उनकी ऊर्जा, प्रेम और भारत के साथ अटूट जुड़ाव वास्तव में प्रेरणादायक हैं। उनके उत्साह के लिए आभारी हूं और दोनों देशों के बीच संबंधों को मजबूत करने में उनके योगदान पर गर्व है।’

महाभारत-रामायण का अरबी अनुवाद करने वालों से भी मिले
प्रधानमंत्री मोदी ने शनिवार को कुवैत के उन दो नागरिकों से भी मुलाकात की जिन्होंने भारत के दो महत्वपूर्ण ग्रंथों महाभारत और रामायण का अरबी में अनुवाद और प्रकाशन किया है। प्रधानमंत्री ने दोनों ग्रंथों के अरबी संस्करणों की प्रतियों पर हस्ताक्षर भी किए।

मोदी ने एक्स पर तस्वीरों के साथ एक पोस्ट में लिखा- ‘रामायण और महाभारत के अरबी अनुवाद देखकर मुझे खुशी हुई। मैं इनके अनुवाद के लिए अब्दुल्ला बैरन और प्रकाशन के लिए अब्दुल लतीफ अलनेसेफ के प्रयासों की सराहना करता हूं। उनकी यह पहल विश्व स्तर पर भारतीय संस्कृति की लोकप्रियता को उजागर करती है।’ अक्टूबर में रेडियो पर मन की बात के दौरान मोदी ने उनके प्रयासों पर प्रकाश डाला था और कहा था कि यह कार्य केवल अनुवाद नहीं है, बल्कि दो महान संस्कृतियों के बीच एक सेतु है।

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