अमेरिका में नहीं लगेगा शटडाउन! संसद ने फंडिंग बिल को दी मंजूरी
अमेरिका में शटडाउन लगने की आशंका के बीच सीनेट ने अस्थायी फंडिग बिल को पारित कर दिया है। इस बिल के समर्थन में 85 सांसदों ने वोट किया। वहीं बिल के विरोध में 11 मत पड़े। अब इसे राष्ट्रपति बाइडेन के पास भेजा गया है।
इस बिल को पहले अमेरिकी संसद के निचले सदन में मंजूरी दी थी। हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव ने 366-34 के बहुमत से बिल को पास किया था। बिल को सदन में रिपब्लिकन नेता और स्पीकर माइक जॉनसन ने पेश किया था।
राष्ट्रपति करेंगे दस्तखत
अमेरिकी संसद से पारित होने के बाद इस बिल को राष्ट्रपति जो बाइडेन के पास भेज दिया गया है। बिल पर राष्ट्रपति के दस्तखत के बाद अमेरिका में शटडाउन की संभावना पूरी तरह से खत्म हो जाएगी।
क्या होता है शटडाउन?
दरअसल अमेरिका में शटडाउन उस स्थिति को कहते हैं, जब संघीय सरकार को चलाने के लिए फंड पूरी तरह से खत्म हो जाता है। शटडाउन के हालात तब होते हैं, जब अमेरिकी संसद (कांग्रेस) सरकार को फंड जारी करने से जुड़े बिल को पारित न करे या इस पर राष्ट्रपति के हस्ताक्षर न हो पाएं।शटडाउन के बाद कई कंपनियां बंद हो जाती हैं। कर्मचारी छुट्टी पर चले जाते हैं और जरूरी सेवाओं के कर्मचारियों को बिना वेतन काम करना पड़ता है। हालांकि ये काम इस उम्मीद पर किया जाता है कि शटडाउन हटने के बाद उनका बकाया वेतन एक साथ दिया जाएगा।
सरकार को कितना फंड मिला?
माइक जॉनसन की तरफ से संसद में 118 पन्नों का अस्थायी फंडिग बिल पेश किया गया था। इसमें सरकार को वर्तमान स्थिति 14 मार्च 2025 तक जारी रखने के साथ आपदा कोष में 100 बिलियन डॉलर और कृषि सहायता के लिए 10 बिलियन डॉलर का फंड जोड़ने का अधिकार मिला है।बिल पास होने पर राष्ट्रपति जो बाइडेन ने भी खुशी जताई है। वहीं स्पीकर माइक जॉनसन ने कहा कि मैंने नव-निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से इस बारे में बात की है और वह यह जानकर काफी खुश हैं। हालांकि आपको बता दें कि ट्रंप की तरफ से ऋण सीमा बढ़ाने की मांग की गई थी, जिसे स्वीकार नहीं किया गया है।
पहले कब लगा शटडाउन?
अमेरिका में शटडाउन का इतिहास काफी पुराना है। पिछले 50 साल में अमेरिका में 20 बार शटडाउन हुआ है। पिछली बार डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल में 35 दिन का शटडाउन हुआ था। इससे अमेरिका को 25 हजार करोड़ का घाटा हुआ था।जब 2013 में अमेरिका में शटडाउन लगा था, तब कनाडा बॉर्डर पर सीमा की सुरक्षा के लिए केवल एक व्यक्ति मौजूद था। अन्य सभी को छुट्टी पर भेज दिया गया था। ये सीमा करीब 8,891 किलोमीटर की है। 2018 में शटडाउन से एयरपोर्ट पर कर्मचारी नहीं बचे थे, जिस कारण कई उड़ाने रद्द करनी पड़ी थीं।