बड़ीखबर: कृषि में ड्रोन का होगा ज्यादा इस्तेमाल, महिलाओं को भी मिलेगा रोजगार के अवसर
एग्रीकल्चर सेक्टर में विकास को बढ़ावा देने के लिए अब ड्रोन का इस्तेमाल किया जाएगा। कृषि क्षेत्रों में ड्रोन के उपयोग को बढ़ावा देने के प्रखर सॉफ्टवेयर सॉल्यूशंस ने इसके इस्तेमाल और उसके फायदे के बारे में बताने के लिए एक पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया है। यह प्रोजेक्ट 1500 एकड़ से अधिक भूमि में स्थानीय सरकारी निकायों के साथ मिलकर शुरू हुआ है।
पैदा होंगे नए रोजगार
कंपनी का लक्ष्य इस एग्रीकल्चर सेक्टर को विकसित के साथ महिलाओं को रोजगार के अवसर देना भी है। कंपनी ने लक्ष्य तय किया है कि इस प्रोजेक्ट से साल 2027 तक 5,000 महिलाओं को रोजगार मिलेगा। इस प्रोजेक्ट के लिए हाल ही में प्रखर ने भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के साथ साझेदारी की। इस साझेदारी में प्रखर में प्रोडक्शन को बढ़ावा देने के लिए 1,250 एकड़ से ज्यादा जमीन में ड्रोन छिड़काव का प्रदर्शन किया।
भारत में ड्रोन की बहुत बड़ी संभावना है और हम क्रांति में सबसे आगे हैं। ड्रोन का न केवल रक्षा और राष्ट्रीय सुरक्षा में उपयोग होता है, बल्कि कृषि और अन्य क्षेत्रों में भी इसकी काफी संभावनाएं हैं।
प्रखर सॉफ्टवेयर सॉल्यूशंस के ग्रुप सीईओ प्रदीप नामदेव
इसके आगे उन्होंने कहा कि प्रखर एकमात्र घरेलू ड्रोन निर्माता कंपनी है। इसने स्वदेशी ड्रोन और एआई आधारित मॉडल और 3डी प्रिंटेड जैसे अन्य महत्वपूर्ण कंपोनेंट के साथ ड्रोन को मैन्यूफाक्चर किया है। कंपनी ने ड्रोन से होने वाले संभावित हमलों की पहचान भी किया है और इसके बचाव में भू-स्थानिक इंटेलिजेंस आधारित प्रणाली विकसित की है। इसके अलावा कंपनी ने एआई एनालिटिक्स क्षमताओं के साथ सुरक्षित लाइव-स्ट्रीमिंग टूल, सामरिक और निगरानी संचालन के दौरान संवेदनशील डेटा को सिक्योर भी रखा है।
प्रखर सॉफ्टवेयर सॉल्यूशंस के बारे में
प्रखर ड्रोन और तकनीक से संबंधित इक्यूपमेंट बनाती है। यह कंपनी मेक इन इंडिया मिशन का नेतृत्व कर रही हैं। ड्रोन का उपयोग कई देशों में कृषि क्षेत्र में किया जा रहा है। ड्रोन का इस्तेमाल काफी फायदेमंद रहता है। इसके फायदे को लेकर इंडिया ब्रांड इक्विटी फाउंडेशन (आईबीईएफ) ने कहा कि ड्रोन का उपयोग सटीक खेती, फसल निगरानी, मिट्टी विश्लेषण, सिंचाई प्रबंधन और प्लांटिंग कार्यों में किया जा सकता है।प्रखर ने स्वदेशी कामिकेज़ ड्रोन आधारित एंटी-ड्रोन तकनीक विकसित किया है। इसके अलावा उसने 10,000 से अधिक युवाओं को ड्रोन में कौशल प्रशिक्षण भी दिया है।