हाईकोर्ट ने आईएएस अनिल सागर के दो फैसलों को किया निरस्त
हाईकोर्ट ने आईएएस अनिल सागर के दो फैसलों को निरस्त कर दिया है। अब याची नए अधिकारी के सामने फिर अपील कर सकेंगे।
राजधानी लखनऊ स्थित इलाहाबाद हाईकोर्ट की पीठ ने अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास के प्रमुख सचिव अनिल कुमार सागर के दो फैसलों को निरस्त कर दिया है। कोर्ट ने याची बिल्डरों से नए अधिकारी के सामने फिर से अपील करने को कहा है।
न्यायमूर्ति पंकज भाटिया की एकल पीठ ने यूजी इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रा. लि. व अन्य की याचिका पर यह फैसला सुनाया। कोर्ट ने आईएएस अनिल सागर के फैसलों पर विरोधाभास होने पर अपर महाधिवक्ता को उनके फैसलों के बारे में शासन से रिपोर्ट मांगने के लिए निर्देशित किया था।
तीन अन्य बिल्डरों ने भी खरीदा था भूखंड का हिस्सा
याचिका में बताया गया कि यमुना प्राधिकरण ने लाजिक्स बिल्डर को ग्रुप हाउसिंग भूखंड का आवंटन किया था। इसकी लीज डीड 2012 में की गई थी। बिल्डर से इस भूखंड का एक हिस्सा यूजी इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रा. लि. ने खरीदा था। साथ ही तीन अन्य बिल्डरों ने भी भूखंड का हिस्सा खरीदा था, जिसकी लीज डीड 2014 में की गई।
नियमानुसार मुख्य आवंटी बिल्डर को निर्माण व मानचित्र स्वीकृत कराने के लिए मिलने वाला दो साल का समय, उप क्रेता को दिया जाता है, लेकिन ओएसिस को छोड़कर अन्य बिल्डरों ने मानचित्र व निर्माण शुरू नहीं किया। ओएसिस बिल्डर ने निर्माण कार्य कराकर प्राधिकरण से कंप्लीशन सर्टिफिकेट (सीसी) भी प्राप्त कर ली।
एक के पक्ष व दूसरे के विरोध में दिया फैसला
याचिका में कहा गया कि प्राधिकरण के चेयरमैन ने एक ही जैसे मामलों की एक ही दिन में सुनवाई करते हुए एक के पक्ष व दूसरे के विरोध में फैसला दिया। यूजी इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रा. लि. के विरोध में फैसला होने पर याचिका उच्च न्यायालय में दाखिल की गई।