वन्यप्राणियों की सटीक जानकारी जुटाने जंगलों में लगेंगे 600 ट्रैप कैमरे, वन विभाग का विशेष अभियान

बुरहानपुर जिले में वन विभाग अब स्थानीय जंगलों में रह रहे वन्यप्राणियों की सटीक जानकारी जुटाने के लिए एक विशेष अभियान चला रहा है। जिसको लेकर वन अमले के द्वारा मांसाहारी जंगली जानवर जैसे बाघ, तेंदुआ सहित अन्य प्रजाति के वन्य प्राणियों की निगरानी और उनके मूवमेंट के प्रमाण आधिकारिक तौर पर दर्ज करने के लिए जगह जगह ट्रैप कैमरे लगाए जा रहे हैं।

बता दें कि, बुरहानपुर वन विभाग ने अब तक आठ वन परिक्षेत्रों में से सात वन परिक्षेत्रों में कैमरे लगाने का काम शुरू भी कर दिया है। वहीं मिली जानकारी के अनुसार इन वन परिक्षेत्रों में 300 जगहों पर 600 कैमरे लगाने का प्लान तैयार किया गया है। वन विभाग ने वन्यप्राणियों की संख्या व प्रजातियों की जानकारी जुटाने के लिए सतपुड़ा टाइगर रिजर्व और गांधी सागर अभ्यारण से कैमरे मंगवाए हैं। इन कैमरों की सहायता से वन्यप्राणियों की मूवमेंट्स और उनकी संख्या की गिनती शुरू की जाएगी।

वहीं इस अभियान के तहत रविवार को जिले के उप मण्डलाधिकारी अजय सागर की मौजूदगी में वन अमले को कैमरे आवंटित किए गए हैं। इस काम में एक एनजीओ वाइल्डलाइफ कंज़र्वेशन ट्रस्ट (WCT) का सहयोग लिया जा रहा है। इसके अलावा स्थानीय स्तर पर वन विभाग के कर्मचारी और अधिकारी इसकी देखरेख करेंगे। इस दौरान 25 दिनों तक 24 घंटे निगरानी रखी जाएगी।

बता दें कि, विगत माह नेपानगर वन परिक्षेत्र के दहीनाला के जंगलों में एक बाघ का शव मिला था। वन विभाग को इस बाघ की विसरा जांच रिपोर्ट मिल चुकी है। हालांकि इस जांच रिपोर्ट में बाघ की मौत का कारण प्राकृतिक रूप से बताया गया है। इसके अलावा नेपानगर सहित अन्य वन परिक्षेत्रों में तेंदुआ, हिरन, लोमड़ी सहित अन्य प्रजाति के वन्य प्राणियों की मूवमेंट भी देखी जा चुकी हैं।

इन कैमरों की सहायता से वन्यप्राणियों की बेहतर तरीके से निगरानी रखी जा सके, इसके लिए वन विभाग के जमीनी अमले ने 300 लोकेशन को चयनित किया है। जिसके बाद अब इन 300 जगहों पर 600 कैमरे लगेंगे। इसके अलावा 24 घंटे वन विभाग अलर्ट मोड पर रहेगा। हालांकि, इससे पहले वन कर्मियों को प्रशिक्षण भी दिया गया है, ताकि वे सावधानीपूर्वक कैमरे लगा सकें, साथ ही इसकी सतत निगरानी रखी जा सके।

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