रामकथा संग्रहालय से हटाए जाएंगे गुमनामी बाबा के सामान, उनके अनुयायी उन्हें मानते थे सुभाष चंद्र बोस
रामकथा संग्रहालय को अंतरराष्ट्रीय स्वरूप प्रदान करने का काम तेजी से चल रहा है। संस्कृति विभाग ने रामकथा संग्रहालय को राम मंदिर ट्रस्ट को हैंडओवर कर दिया है। ट्रस्ट संग्रहालय का सुंदरीकरण करा रहा है। इसी क्रम में रामकथा संग्रहालय में हाईकोर्ट के आदेश पर संरक्षित किए गए गुमनामी बाबा के 425 सामान को भी दूसरी जगह शिफ्ट करने की तैयारी हो रही है। प्रशासन इन सामानों को शिफ्ट करने के लिए उचित स्थान भी देख रहा है।
गुमनामी बाबा की पहचान को लेकर कानूनी लड़ाई लड़ने वाले सुभाष चंद्र बोस राष्ट्रीय विचार केंद्र के अध्यक्ष शक्ति सिंह का कहना है कि राम मंदिर ट्रस्ट गुमनामी बाबा के सामानों की जिम्मेदारी उठाने से कतरा रहा है। उनके अनुसार ट्रस्ट का कहना है कि संग्रहालय का निर्माण रामकथा व रामलीला से जुड़ी वस्तुओं के प्रदर्शन के लिए है, गुमनामी बाबा के सामानों की उनके लिए कोई उपयोगिता नहीं है। ऐसे में गुमनामी बाबा (जिन्हें उनके अनुयायी नेता जी सुभाष चंद्र बोस मानते थे) से जुड़े सारे सामानों की सुरक्षा कौन करेगा।
शक्ति सिंह का कहना है कि हाईकोर्ट ने 2013 में आदेश दिया था कि अयोध्या की ट्रेजरी में डबल लाकर में जमा गुमनामी बाबा के सामानों को म्यूजियम में रखा जाए। इस आदेश के बाद डबल लॉकर से निकाले गए एक हजार से अधिक सामानों में से गुमनामी बाबा की 425 वस्तुओं को रामकथा संग्रहालय की दो गैलरी में डिस्प्ले के लिए रखा गया, लेकिन वह गैलरी आज तक आम लोगों के लिए नहीं खुली। शक्ति सिंह का कहना है कि रामकथा संग्रहालय में गुमनामी बाबा के सामान अब असुरक्षित हैं। उन्होंने डीएम व प्रमुख सचिव को पत्र भेजकर दो सुरक्षा कर्मी व दो संस्कृति विभाग के कर्मियों को सामान की सुरक्षा के लिए लगाने की भी मांग उठाई है। उनका कहना है कि ट्रस्ट यदि उन्हें संरक्षित नहीं कर रहा है तो गुमनामी बाबा के सामानों को प्रशासन कहीं और संरक्षित करे।
संग्रहालय में चार गैलरियों का हो रहा निर्माण
रामकथा संग्रहालय को अंतरराष्ट्रीय स्वरूप प्रदान किया जा रहा है। आईआईटी चेन्नई के आर्किटेक्ट गैलरियों की पटकथा तैयार कर रहे हैं। एक गैलरी में मंदिर आंदोलन व सुप्रीम कोर्ट के फैसले से जुड़े दस्तावेजों को सुरक्षित किया जाएगा। जबकि एक गैलरी में खोदाई के दौरान मिले अवशेष रखे जाएंगे। एक अन्य गैलरी में विभिन्न भाषाओं की रामायण व रामलीला सामग्री संरक्षित की जाएगी। जबकि सेवन डी तकनीक पर आधारित हनुमान जी पर एक फिल्म का प्रदर्शन एक अन्य गैलरी में किया जाएगा। सभी गैलरियों का निर्माण 2025 के अंत तक पूरा होने की संभावना है।
राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने कहा कि मुझे इस बारे में जानकारी नहीं है। चूंकि रामकथा संग्रहालय का निर्माण रामकथा आधारित होगा। इसलिए हो सकता है प्रशासन गुमनामी बाबा के सामान कहीं अन्यत्र शिफ्ट करे, यह निर्णय प्रशासन को लेना है। हम फिलहाल अभी संग्रहालय के सुंदरीकरण का काम कर रहे हैं।
अयोध्या के मंडलायुक्त गौरव दयाल का कहना है कि रामकथा संग्रहालय के सुंदरीकरण का काम राममंदिर ट्रस्ट कर रहा है। निर्माण कार्यों के चलते गुमनामी बाबा के सामान शिफ्ट किए जाने पर विचार किया जा रहा है। इसके लिए साकेत सदन, तुलसी स्मारक भवन आदि स्थलों पर मंथन किया जा रहा है। सामानों की शिफ्टिंग सुरक्षित तरीके से की जाएगी।