दिल्ली-यूपी में शीतलहर का कहर, अभी और गिरेगा पारा; बिहार में ठंड ने तोड़ा 5 साल का रिकॉर्ड
उत्तर भारत की तरफ से लगातार आ रही बर्फीली हवाओं के प्रभाव से दिल्ली, यूपी, राजस्थान और मध्य प्रदेश में सर्दी के तेवर और तीखे हो गए हैं। मौसम विभाग के अनुसार आने वाले दिनों में घना कोहरा भी देखने को मिलेगा। मौसम विभाग ने शुक्रवार व शनिवार के लिए यलो अलर्ट जारी कर दिल्ली के कई इलाकों में शीत लहर की चेतावनी जारी की थी।
जम्मू-कश्मीर और हिमाचल में ठंड का प्रकोप जारी
ठंड का प्रकोप लगातार बढ़ता ही जा रहा है। बेशक दिन में खिली धूप के चलते ठंड बेहाल करती नहीं दिख रही। मौसम विज्ञान केंद्र, श्रीनगर से मिली जानकारी अनुसार 20 दिसंबर तक मौसम शुष्क रहेगा और शुष्क ठंड का प्रकोप बढ़ता ही जाएगा।
शनिवार को मौसम साफ रहने के बाद हल्के बादल छाएंगे। वहीं, घाटी में के कई हिस्सों में ताजा बर्फबारी के बाद से घाटी में मौसम के मिजाज तो शुष्क बने हुए हैं अलबत्ता तापमान के लगातार जमाव बिंदु से नीचे बने रहने के चलते समूची घाटी कड़ाके की ठंड की चपेट में है। हिमाचल के ऊंचे इलाकों में लगातार बर्फबारी हो रही है, वहीं, अगले दिन में मैदानी इलाकों में भी बर्फबारी की संभावना है।
मध्य प्रदेश के पचमढ़ी में दो डिग्री सेल्सियस तापमान
मध्य प्रदेश प्रदेश के 12 शहरों में शीतलहर और छह शहरों में तीव्र शीतलहर चली। सबसे कम दो डिग्री सेल्सियस तापमान हिल स्टेशन पचमढ़ी में दर्ज किया गया। पचमढ़ी सहित आठ शहरों में रात का पारा पांच डिग्री सेल्सियस से नीचे रहा। सीधी में शीतल दिन रहा। राजधानी में न्यूनतम तापमान 3.8 डिग्री सेल्सियस पर रहा। यह 10 वर्ष में दिसंबर का दूसरी बार सबसे कम तापमान हैं। इसके पहले वर्ष 2021 में भोपाल का न्यूनतम तापमान 3.4 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया था।
उत्तर भारत के पहाड़ी क्षेत्रों में तापमान काफी कम
अंडमान में एक कम दबाव का क्षेत्र बना हुआ है। पूर्वी राजस्थान पर एक प्रति चक्रवात बना हुआ है। मौसम विज्ञान केंद्र के पूर्व वरिष्ठ मौसम विज्ञानी अजय शुक्ला ने बताया कि उत्तर भारत के पहाड़ी क्षेत्रों में तापमान काफी कम है। वहीं से लगातार आ रही सर्द हवाओं के कारण मध्य प्रदेश में ठंड के तेवर तीखे बने हुए हैं। अभी दो-तीन दिन तक मौसम का मिजाज इसी तरह बना रह सकता है।
दिल्ली को छह साल बाद मिली इतनी बड़ी राहत
राजधानी में इस वर्ष अब तक 207 दिन हवा की गुणवत्ता अच्छे से मध्यम श्रेणी के बीच रही है। इसलिए यदि कोरोना के पहले वर्ष को छोड़ दें तो इस बार दिल्ली के लोगों ने पिछले छह वर्षों में सबसे अधिक दिन साफ हवा में सांस ली है। वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम, CAQM) ने यह जानकारी दी है।
वर्ष 2020 में कोरोना के दौरान लंबे समय तक लॉकडाउन रहने के कारण सड़कों पर वाहन ज्यादा नहीं निकल रहे थे। इस वजह से वर्ष 2020 में प्रदूषण कम था। सीएक्यूएम का कहना है कि यदि वर्ष 2020 को छोड़ दें तो वर्ष 2018 के बाद अच्छे से मध्यम श्रेणी के एयर इंडेक्स वाले दिनों की संख्या इस बार अब तक सबसे ज्यादा रही है।