दत्तात्रेय भगवान को प्रसन्न करने के लिए करें इन नामों का जाप
हिंदू धर्म में दत्तात्रेय जयंती बेहद खास मानी जाती है। यह हर साल मार्गशीर्ष महीने की पूर्णिमा तिथि को मनाई जाती है। ऐसा माना जाता है कि इसी शुभ दिन पर भगवान दत्तात्रेय का जन्म हुआ था। इस साल यह पर्व (Dattatreya Jayanti 2024 Date) 14 दिसंबर यानी आज मनाया जा रहा है। ऐसा कहा जाता है कि इस दिन पूजा-पाठ करने जीवन की सभी मुश्किलें समाप्त होती हैं।
दत्तात्रेय जयंती का दिन अपने आप में विशेष होता है। यह दिन भगवान दत्तात्रेय की पूजा के लिए समर्पित है। हर साल यह पर्व मार्गशीर्ष माह की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन लोग भगवान दत्तात्रेय की पूजा करते हैं और कठिन उपवास का पालन करते हैं। इसे दत्त जयंती के नाम से भी जाना जाता है। इस साल यह पर्व (Dattatreya Jayanti 2024 Date) 14 दिसंबर यानी आज मनाया जा रहा है। ऐसी मान्यता है कि जो लोग इस व्रत का पालन करते हैं, उनकी सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। इसके साथ ही दत्तात्रेय भगवान की कृपा मिलती है।
वहीं, इस मौके पर उनके 108 नामों का जाप बहुत फलदायी माना गया है। ऐसे में पूजा के दौरान उनके नामों का जप अवश्य ही करें, जो इस प्रकार हैं।
।।श्री दत्तात्रेय 108 नाम।।
ॐ श्रीदत्ताय नमः ।
ॐ देवदत्ताय नमः ।
ॐ ब्रह्मदत्ताय नमः ।
ॐ विष्णुदत्ताय नमः ।
ॐ शिवदत्ताय नमः ।
ॐ अत्रिदत्ताय नमः ।
ॐ आत्रेयाय नमः ।
ॐ अत्रिवरदाय नमः ।
ॐ अनुसूयायै नमः ।
ॐ अनसूयासूनवे नमः ॥॥
ॐ अवधूताय नमः ।
ॐ धर्माय नमः ।
ॐ धर्मपरायणाय नमः ।
ॐ धर्मपतये नमः ।
ॐ सिद्धाय नमः ।
ॐ सिद्धिदाय नमः ।
ॐ सिद्धिपतये नमः ।
ॐ सिद्धसेविताय नमः ।
ॐ गुरवे नमः ।
ॐ गुरुगम्याय नमः ॥॥
ॐ गुरोर्गुरुतराय नमः ।
ॐ गरिष्ठाय नमः ।
ॐ वरिष्ठाय नमः ।
ॐ महिष्ठाय नमः ।
ॐ महात्मने नमः ।
ॐ योगाय नमः ।
ॐ योगगम्याय नमः ।
ॐ योगीदेशकराय नमः ।
ॐ योगरतये नमः ।
ॐ योगीशाय नमः ॥॥
ॐ योगाधीशाय नमः ।
ॐ योगपरायणाय नमः ।
ॐ योगिध्येयाङ्घ्रिपङ्कजाय नमः ।
ॐ दिगम्बराय नमः ।
ॐ दिव्याम्बराय नमः ।
ॐ पीताम्बराय नमः ।
ॐ श्वेताम्बराय नमः ।
ॐ चित्राम्बराय नमः ।
ॐ बालाय नमः ।
ॐ बालवीर्याय नमः ॥॥
ॐ कुमाराय नमः ।
ॐ किशोराय नमः ।
ॐ कन्दर्पमोहनाय नमः ।
ॐ अर्धाङ्गालिङ्गिताङ्गनाय नमः ।
ॐ सुरागाय नमः ।
ॐ विरागाय नमः ।
ॐ वीतरागाय नमः ।
ॐ अमृतवर्षिणे नमः ।
ॐ उग्राय नमः ।
ॐ अनुग्ररूपाय नमः ॥॥
ॐ स्थविराय नमः ।
ॐ स्थवीयसे नमः ।
ॐ शान्ताय नमः ।
ॐ अघोराय नमः ।
ॐ गूढाय नमः ।
ॐ ऊर्ध्वरेतसे नमः ।
ॐ एकवक्त्राय नमः ।
ॐ अनेकवक्त्राय नमः ।
ॐ द्विनेत्राय नमः ।
ॐ त्रिनेत्राय नमः ॥॥
ॐ द्विभुजाय नमः ।
ॐ षड्भुजाय नमः ।
ॐ अक्षमालिने नमः ।
ॐ कमण्डलुधारिणे नमः ।
ॐ शूलिने नमः ।
ॐ डमरुधारिणे नमः ।
ॐ शङ्खिने नमः ।
ॐ गदिने नमः ।
ॐ मुनये नमः ।
ॐ मौलिने नमः ॥॥
ॐ विरूपाय नमः ।
ॐ स्वरूपाय नमः ।
ॐ सहस्रशिरसे नमः ।
ॐ सहस्राक्षाय नमः ।
ॐ सहस्रबाहवे नमः ।
ॐ सहस्रायुधाय नमः ।
ॐ सहस्रपादाय नमः ।
ॐ सहस्रपद्मार्चिताय नमः ।
ॐ पद्महस्ताय नमः ।
ॐ पद्मपादाय नमः ॥॥
ॐ पद्मनाभाय नमः ।
ॐ पद्ममालिने नमः ।
ॐ पद्मगर्भारुणाक्षाय नमः ।
ॐ पद्मकिञ्जल्कवर्चसे नमः ।
ॐ ज्ञानिने नमः ।
ॐ ज्ञानगम्याय नमः ।
ॐ ज्ञानविज्ञानमूर्तये नमः ।
ॐ ध्यानिने नमः ।
ॐ ध्याननिष्ठाय नमः ।
ॐ ध्यानस्तिमितमूर्तये नमः ॥॥
ॐ धूलिधूसरिताङ्गाय नमः ।
ॐ चन्दनलिप्तमूर्तये नमः ।
ॐ भस्मोद्धूलितदेहाय नमः ।
ॐ दिव्यगन्धानुलेपिने नमः ।
ॐ प्रसन्नाय नमः ।
ॐ प्रमत्ताय नमः ।
ॐ प्रकृष्टार्थप्रदाय नमः ।
ॐ अष्टैश्वर्यप्रदाय नमः ।
ॐ वरदाय नमः ।
ॐ वरीयसे नमः ॥॥
ॐ ब्रह्मणे नमः ।
ॐ ब्रह्मरूपाय नमः ।
ॐ विष्णवे नमः ।
ॐ विश्वरूपिणे नमः ।
ॐ शङ्कराय नमः ।
ॐ आत्मने नमः ।
ॐ अन्तरात्मने नमः ।
ॐ परमात्मने नमः ॥॥