दिल्ली: जेनरेटर के पंखे ने बालों के साथ खींची खोपड़ी की खाल

सेंटर फॉर प्लास्टिक एंड रिकंस्ट्रक्टिव सर्जरी के प्रमुख डॉ. मोहित शर्मा ने बताया, इस तरह के मामलों में सफलता के लिए बहु विषयक टीम होना बहुत जरूरी है जिसमें पुनर्निर्माण माइक्रोसर्जरी, एनेस्थिसियोलॉजी, बाल रोग और महत्वपूर्ण देखभाल के विशेषज्ञ शामिल हैं।

जेनरेटर की चपेट में आई एक 13 साल की लड़की को डॉक्टरों ने अत्याधुनिक तकनीकों और अनुभव के जरिए विकृति से बचा लिया। कुछ समय पहले उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में एक शोभायात्रा के दौरान रिक्शे पर रखे जनरेटर के पंखे में लड़की के बाल फंस गए और चंद सेकंड में उसके सिर से खाल समेत पूरे बाल खिंच गए।

लहूलुहान बच्ची को परिजन नजदीकी अस्पताल लेकर गए, जहां प्रारंभिक चिकित्सा के जरिए रक्तस्त्राव को रोक खाल को वापस से सिर पर रख टांके लगाए गए। बाद में परिजन मरीज को लेकर फरीदाबाद स्थित अमृता अस्पताल पहुंचे जहां डॉक्टरों ने स्कैल्प रीप्लांटेशन सर्जरी के जरिये लड़की को विकृति से बचा लिया। वरिष्ठ डॉ. मोहित शर्मा ने बताया, इस तरह की घटनाओं में अधिकतम आठ से 10 घंटे तक का समय होता है। इसके बाद त्वचा और उसमें मौजूद कोशिकाएं मृत होने लगती हैं और उन्हें शरीर में जोड़ना संभव नहीं रहता है। इस मरीज के पास लगभग एक घंटे का समय था, क्योंकि अधिकांश समय अलीगढ़ और फिर फरीदाबाद तक आने में निकल गया। इस चुनौती के बाद उन्होंने टीम के साथ सर्जरी की।

तब से अब तक तीन अलग-अलग सर्जरी के बाद लड़की के सिर पर पहले जैसे बाल हैं। उसकी त्वचा भी विकसित हुई है। डॉ. मोहित बताते हैं, अक्तूबर 2022 में अलीगढ़ से यह केस आया और करीब रात 11 से सुबह साढ़े पांच बजे तक उनकी टीम ऑपरेशन थियेटर में रही। आठ घंटे के ऑपरेशन के बाद आईसीयू में रखा गया और फिर देखा कि किस हिस्से की त्वचा मृत हुई है। इसके बाद शरीर के बाकी हिस्सों से त्वचा लेकर दूसरा ऑपरेशन हुआ और अंत में आंख के पास मौजूद अतिरिक्त त्वचा को हटाकर पहले जैसा स्वरूप दिया गया।

ऐसे मामलों में सफलता के लिए बहु विषयक टीम होना बहुत जरूरी
सेंटर फॉर प्लास्टिक एंड रिकंस्ट्रक्टिव सर्जरी के प्रमुख डॉ. मोहित शर्मा ने बताया, इस तरह के मामलों में सफलता के लिए बहु विषयक टीम होना बहुत जरूरी है जिसमें पुनर्निर्माण माइक्रोसर्जरी, एनेस्थिसियोलॉजी, बाल रोग और महत्वपूर्ण देखभाल के विशेषज्ञ शामिल हैं।

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