शिंदे-सोरेन फार्मूले पर केजरीवाल का सियासी गणित

जानकारों का मानना है कि महाराष्ट्र व झारखंड सरकार की तरह दिल्ली सरकार भी इस चुनावी वायदे के सहारे दिल्ली की सत्ता पर तीसरी बार काबिज होने की कोशिश कर रही है।

आधी आबादी को अपने हक में करने के महाराष्ट्र व झारखंड के कामयाब फार्मूले को दिल्ली में अरविंद केजरीवाल ने भी आजमाया है। केजरीवाल ने भी दोनों राज्यों की तरह महिलाओं को 2,100 रुपये देने का वायदा किया है। इस दिशा में एक कदम बढ़ते हुए आप की दिल्ली सरकार ने महिला सम्मान योजना को मंजूरी भी दे दी है। इसमें महिलाओं को हर महीने 1000 रुपये मिलेंगे। जानकारों का मानना है कि महाराष्ट्र व झारखंड सरकार की तरह दिल्ली सरकार भी इस चुनावी वायदे के सहारे दिल्ली की सत्ता पर तीसरी बार काबिज होने की कोशिश कर रही है।

दिल्ली में इससे पहले भी 2019 विधान सभा चुनाव में इस तरह का एक सफल प्रयोग किया गया था। विधान सभा चुनाव से पहले तत्कालीन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बस में महिलाओं का सफर मुफ्त कर दिया था। इसका असर भी विधान सभा चुनाव के दौरान दिखा। आंकड़े बताते हैं कि उस दौरान महिलाओं ने पुरुषों के करीब-करीब बराबर ही वोट किया था। पुरुष मतदाताओं का मतदान प्रतिशत 62.59 व महिला मतदाताओं को प्रतिशत 62.52 था। वहीं, करीब 25 विधान सभाओं में महिलाओं ने पुरुषों से ज्यादा वोट किया।

सियासी पंडित बताते हैं कि महिलाओं को बतौर वोट बैंक में तब्दील करने का यह पहला बड़ा प्रयोग था। इसका सीधा फायदा आप को हुआ था। बड़ी संख्या में महिलाओं ने आप को वोट किया। इससे आप ने दूसरी बार बड़ी हासिल की थी। इस बार उनके पास महाराष्ट्र व झारखंड के कामयाब उदाहरण भी हैं। इसमें दोनों राज्यों की सरकारों ने महिलाओं के खाते में सीधे पैसा डालने की योजनाएं घोषित कर फिर से सत्ता हासिल कर सकीं थीं। इसी भरोसे केजरीवाल ने पहले से घोषित योजना की राशि 1000 से बढ़ाकर 2100 करने का दावा किया है।

इस तरह की योजनाओं ने महिलाओं में जाति व धर्म का बंधन कमजोर किया है। वहीं, इससे महिलाएं वोट बैंक के तौर पर तब्दील होंगी। इसका फायदा उन दलों को ज्यादा होता है, जिनकी सरकार है और वह इसी तरह की किसी योजना को लागू कर रही है। इसमें यह बात अलहदा है कि चुनावों से पहले इस तरह की घोषणाएं एक तरह से प्रलोभन होती हैं।
-डॉ. संजय भट्ट, सामाजिक-राजनीतिक विश्लेषक

इनको मिलेगा योजना का फायदा:
दिल्ली के स्थाई निवासी हों
वोटर कार्ड दिल्ली का हो
18 वर्ष से ऊपर की महिलाएं इसमें शामिल होंगी
सरकारी कर्मचारी इसके दायरे से बाहर होंगे
निजी नौकरी करने वाली महिला अगर आयकर देती हैं तो उनको भी इसका फायदा नहीं मिलेगा
किसी दूसरी योजना की लाभार्थी इसकी पात्र नहीं होंगी
योजना लाभ लेने के लिए पंजीकरण कराने के साथ स्वघोषित हलफनामा देना होगा कि वह योजना की पात्र हैं

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