महाराष्ट्र विधानसभा का विशेष सत्रः ‘ये लोकतंत्र की हत्या’
महाराष्ट्र विधानसभा का तीन दिन का विशेष सत्र आज से शुरू हो गया है। नवनिर्वाचित विधायकों ने शपथ लेना शुरू कर दिया है।
फडणवीस और दोनों डिप्टी सीएम ने ली शपथ
सबसे पहले सीएम फडणवीस, डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे और अजित पवार ने विधायक पद की शपथ ली है।विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव जल्द ही होने की उम्मीद है, क्योंकि विधानसभा 16 से 21 दिसंबर तक नागपुर में होने वाले शीतकालीन सत्र की तैयारी कर रही है।
शिवसेना यूबीटी नेताओं ने शपथ लेने से किया इनकार
उधर, शिवसेना यूबीटी नेता आदित्य ठाकरे ने कहा कि हमने फैसला किया है कि हमारे (शिवसेना यूबीटी) जीते हुए विधायक शपथ नहीं लेंगे। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र चुनाव में लोकतंत्र की हत्या हुई है, अगर यह जनता का जनादेश होता तो लोग खुश होते और जश्न मनाते, लेकिन इस जीत का कहीं भी लोगों ने जश्न नहीं मनाया। हमें ईवीएम पर संदेह है।
कालिदास कोलंबकर बने हैं प्रोटेम स्पीकर
यह सत्र महाराष्ट्र में नवगठित विधानसभा के विधायी एजेंडे के लिए माहौल तैयार करने का मंच होगा। वरिष्ठ भाजपा विधायक कालिदास सुलोचना कोलंबकर को विधानसभा के तीन दिवसीय विशेष सत्र से एक दिन पहले शुक्रवार को महाराष्ट्र के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने विधानसभा के प्रोटेम स्पीकर के रूप में शपथ दिलाई।
महाराष्ट्र विधानसभा के विशेष सत्र से पहले, नवनिर्वाचित विधायकों ने कहा कि उन्होंने अपने निर्वाचन क्षेत्रों के विकास पर ध्यान केंद्रित करना अभी से शुरू कर दिया है।
क्यों खास है ये सत्र?
महाराष्ट्र विधानसभा का विशेष सत्र आज से शुरू हुआ है और पहले दिन प्रोटेम स्पीकर सभी 288 नए चुने गए विधायकों को शपथ दिलाएंगे।
9 दिसंबर को विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव होगा। इसके लिए पूर्व विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर और भाजपा विधायक सुधीर मुनगंटीवार सबसे बड़े दावेदार माने जा रहे हैं।
चर्चा है कि राहुल नार्वेकर सरकार में मंत्री बनना चाहते हैं। इसके चलते सुधीर मुनगंटीवार अध्यक्ष पद के लिए मजबूत दावेदार माने जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने 5 दिसंबर को शपथ के बाद कहा था कि शीतकालीन सत्र से पहले नए मंत्रिमंडल की घोषणा कर दी जाएगी।
मंत्रिमंडल का विस्तार जल्द
मीडिया से बात करते हुए, शिवसेना नेता उदय सामंत ने कहा कि 15 दिन पहले विधानसभा चुनाव में चुने गए 288 विधायकों का शपथ ग्रहण समारोह आज विधान भवन में हो रहा है। यह 3 दिवसीय सत्र है और मुझे लगता है कि विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव भी इसी में होने वाला है। तीनों नेता बैठकर तय करेंगे कि मंत्रिमंडल का विस्तार कब होगा।
कौन मंत्री बनेगा, सीएम लेंगे फैसला
सामंत ने कहा कि किसको मंत्री बनाया जाए या नहीं, यह मुख्यमंत्री के हाथ में है। सीएम दोनों डिप्टी सीएम के साथ बैठकर इस पर फैसला करेंगे। उन्होंने कहा कि हमनें नहीं कहा कि हमें गृह मंत्रालय चाहिए, सीएम और डिप्टी सीएम ही कैबिनेट पर फैसला करेंगे।