कानपुर में तैयार होगी संघ के 100 साल की रुपरेखा, पंच परिवर्तन के लिए काम करेगा आरएसएस

अगले वर्ष सितंबर में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ अपनी स्थापना के 100 वर्ष पूरे करेगा। इसे लेकर संघ पंच परिवर्तन की विश्वव्यापी कार्ययोजना तैयार कर रहा है। प्रमुख बात यह है कि संघ के अगले सौ साल की रूपरेखा महानगर में तैयार की जाएगी। इसके लिए सर संघ चालक मोहन भागवत अप्रैल में पांच दिन तक कानपुर में प्रवास करेंगे।

जनवरी से लेकर मार्च तक प्रयागराज में महाकुंभ पूरा होने के तुरंत बाद हिंदुत्व के महाकुंभ की तैयारी शुरू की जाएगी। महानगर इस मुहिम का गवाह बनेगा। स्थापना के शताब्दी वर्ष से संघ जिस पंच परिवर्तन की मुहिम को लेकर आगे बढ़ेगा, उसमें सबसे ऊपर परिवार को रखा गया है। इसमें हिंदू परिवारों में हम दो हमारे दो से आगे जाकर चर्चा हो सकती है।

पांच दिन में अलग-अलग बैठकें करेंगे
इसमें राष्ट्रीयता को सर्वोपरि मानते हुए संपूर्ण हिंदुत्व को जोड़ने को लेकर मुहिम के तहत काम किया जाएगा। संघ प्रमुख यहां पांच दिन में क्षेत्र, प्रांत, जिले, विभाग के पदाधिकारियों के साथ अलग-अलग बैठकें करेंगे। इसके साथ ही बस्तियों को जागृत करने, शाखाओं का विस्तार सुदूर गांव और शहरों व कस्बों के प्रत्येक स्थान में करने की योजना भी शामिल है।

प्रत्येक दिन अलग-अलग विषय रहेंगे
युवाओं को संघ से जोड़ने और तकनीकी तौर पर संघ की कार्यप्रणाली को मजबूत करने की दिशा में भी काम किया जाएगा। मोहन भागवत यहां पर आखिरी दो दिन में सामाजिक समरसता के दृष्टिकोण से उद्यमियों, चिकित्सकों, शिक्षाविदों सहित प्रमुख क्षेत्रों से ताल्लुक रखने वालों के साथ भी बैठक करेंगे। संघ प्रमुख के पांच दिनों के प्रवास के प्रत्येक दिन अलग-अलग विषय रहेंगे।

यह है संघ का पंच परिवर्तन अभियान

कुटुंब प्रबोधन- परिवार की एकजुटता का महत्व बताएंगे साथ ही परिवारों में संख्या वृद्धि को लेकर भी लोगों में संदेश दिया जाएगा।

सामाजिक समरसता- अपने आसपास के समाज और उसके रीति रिवाजों को जोड़कर चलने की योजना।

पर्यावरण- ग्लोबल वार्मिंग के बढ़ते प्रकोप से पर्यावरण को बचाने की दिशा में अनेक कदम उठाए जाएंगे।

स्वदेशी का भाव- अपने देश और अपने लोगों के जरिये बनाई गई वस्तुओं का उपभोग करने की दिशा में काम।

राष्ट्रीयता का बोध- देश सर्वोपरि है, इस भावना को हर छोटे बड़े, स्त्री-पुरुष में प्रबल करने के लिए आयोजन।

1925 में हुई थी संघ की स्थापना

27 सितंबर 1925 में महाराष्ट्र के नागपुर शहर में विजयादशमी के अवसर पर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की स्थापना हुई थी। जिसे डॉक्टर केशव बलिराम हेडगेवार और उनके कुछ साथियों ने मिलकर किया था।

राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के नेतृत्व में आगे चलकर कुल 17 संगठन बने, जिसमें विश्व हिंदू परिषद सबसे बड़ा है।

संघ को उत्तर प्रदेश की दृष्टि से देखा जाए तो यहां पर कुल छह प्रांत और दो क्षेत्र पूर्वी और पश्चिम क्षेत्र हैं

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