बेहद भव्य रहा फडणवीस सरकार का शपथ ग्रहण समारोह

फडणवीस सरकार के शपथ ग्रहण समारोह में एक ओर जहां मुंबई के सिने जगत की कई प्रख्यात हस्तियां एवं देश के शीर्ष उद्योगपति नजर आ रहे थे, वहीं बड़ी संख्या में राज्य वे ‘लाडकी बहनें’ भी पहुंचीं, जिनका महायुति की जीत में बड़ा योगदान माना जा रहा है।

महायुति सरकार के पिछले बजट में सरकार द्वारा मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहन योजना घोषित की गई थी, जिसमें महिलाओं को 1500 रुपए प्रतिमाह दिए जा रहे हैं। चुनाव आचारसंहिता लागू होने से पहले ही इस योजना के निमित्त लाभार्थी महिलाओं के खाते में एक साथ 7500 रुपए भेज दिए गए थे।

विपक्षी गठबंधन महाविकास आघाड़ी ने पहले इस योजना को चुनावी योजना बताते हुए इसको कोर्ट में चुनौती देने की कोशिश की, उसके बाद खुद भी अपने घोषणापत्र में 3000 रुपए देनेवाले ऐसी ही एक योजना घोषित की। लेकिन लाभ पा रही लाडकी बहनों का भरोसा वह महायुति से नहीं डिगा सकी।

शपथ लेने के बाद ठाकरे और दिघे को माल्यार्पण किया शिंदे ने

उपमुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने पहले मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस एवं दूसरे उपमुख्यमंत्री अजीत पवार के साथ मंत्रालय जाकर नई सरकार की पहली मंत्रिमंडल की बैठक में हिस्सा लिया। उसके बाद वह सीधे गेटवे आफ इंडिया के पास स्थापित शिवसेना संस्थापक बालासाहेब ठाकरे की प्रतिमा को माल्यार्पण करने गए। उसके बाद वह सीधे अपने गृह जिले ठाणे पहुंचे और वहां अपने राजनीतिक गुरु आनंद दिघे के स्मारक पर जाकर उन्हें भी श्रद्धा सुमन अर्पित किए।

गुलाबी जैकेट ने लोगों का ध्यान खींचा

शपथ ग्रहण के मंच पर मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने पहुंचे देवेंद्र फडणवीस एवं उपमुख्यमंत्री अजीत पवार गुलाबी जैकेट पहने नजर आए। अजीत पवार ने वित्तमंत्री के रूप में बजट पेश करते हुए जबसे यह योजना घोषित की है, वह तभी से महिलाओं का रंग माने जानेवाले गुलाबी रंग की ही जैकेट पहन रहे हैं।

आज फडणवीस ने भी गुलाबी जैकेट ही पहनी। लेकिन मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे हमेशा की तरह सफेद पैंट-शर्ट में ही नजर आए। हालांकि चुनाव परिणाम आने के बाद से ही वह कई बार खुद को ‘लाडकी बहनों’ का ‘लाडका भाऊ’ बता चुके हैं।

विधानसभा चुनाव में महायुति का जबरदस्त पलटवार

लोकसभा चुनावों में जहां भाजपा और उसके सहयोगी दलों, एकनाथ शिंदे के नेतृत्ववाली शिवसेना एवं अजीत पवार के नेतृत्व वाली राकांपा को कांग्रेस के नेतृत्व वाले विपक्षी गठबंधन महाविकास आघाड़ी के हाथों करारी हार का सामना करना पड़ा था। वहीं सिर्फ छह माह बाद हुए महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव में मिली भारी जीत भाजपा, शिवसेना, राकांपा एवं कुछ अन्य छोटे दलों को मिलाकर बनी महायुति के लिए उत्साहवर्धक है।

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