शपथ से पहले शिंदे ने फिर रखी शर्त, क्यों फडणवीस की बढ़ाई टेंशन?

महाराष्ट्र में सीएम कौन बनेगा इसकी तस्वीर साफ होने के बाद आज फडणवीस शपथ लेने वाले हैं। शपथ से पहले शिवसेना प्रमुख एकनाथ शिंदे ने फडणवीस की टेंशन बढ़ा दी है। दरअसल, शिंदे डिप्टी सीएम बनने को तैयार हो गए हैं, लेकिन वो अब भी गृह मंत्रालय की मांग पर अड़े हुए हैं। जब फडणवीस डिप्टी सीएम थे, तब भी यह विभाग उनके पास था।

शिंदे की जिम्मेदारी तय नहीं

शिंदे को डिप्टी सीएम बनाने का एलान तो बीते दिनों हो गया, लेकिन सरकार में उनकी क्या भूमिका होगी इसकी तस्वीर अभी तक साफ नहीं हुई है। हालांकि, शिवसेना ने औपचारिक रूप से पत्र देकर फडणवीस सरकार को अपना समर्थन दे दिया है। 

क्या है शिंदे की मांग?

एकनाथ शिंदे कई दिनों से गृहमंत्रालय की अपनी मांग पर अड़े हैं। हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, शिंदे गृहमंत्रालय के साथ शिवसेना को 12 मंत्रालय देने की मांग कर रहे हैं। शिवसेना नेताओं का कहना है कि सीएम पद न मिलने के चलते अब केवल गृहमंत्रालय ही ऐसा जिम्मा है जो शिंदे के लिए सही होगा। 

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि अगर फडणवीस गृहमंत्रालय नहीं छोड़ते हैं तो शिंदे को शहरी विकास, राजस्व या उर्जा विभाग दिया जा सकता है।

इस कारण गृह विभाग चाहते हैं शिंदे

शिवसेना के एक नेता ने अखबार को बताया कि शिंदे के पास पहले पुलिस, नागरिक प्रशासन और शहरी विकास मंत्रालय था, लेकिन सीएम होने के चलते सरकार पर उनका पूरा दबदबा था और फडणवीस भी बगैर ताकत के लगते थे।

फडणवीस आज लेंगे शपथ

बता दें कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता देवेंद्र फडणवीस आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेंगे। सूत्रों ने बताया कि शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे और एनसीपी के अजित पवार नए मंत्रिमंडल में उपमुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। शपथ ग्रहण समारोह मुंबई के आजाद मैदान में होगा और इसमें एनडीए के कई मुख्यमंत्री और नेता शामिल होंगे।लंबे समय से चल रहे इस सस्पेंस को खत्म करते हुए कि शीर्ष पद किसे मिलेगा, फडणवीस, शिंदे और पवार ने महायुति सरकार बनाने का दावा पेश करने के लिए राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन से मुलाकात की। राज्यपाल से मुलाकात के बाद फडणवीस ने कहा, “नई सरकार का शपथ ग्रहण समारोह कल शाम 5:30 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में होगा। मैंने एकनाथ शिंदे से मुलाकात की और उनसे इस सरकार में शामिल होने का अनुरोध किया, क्योंकि यह महायुति कार्यकर्ताओं की इच्छा है।”

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