बांग्लादेश छोड़ने के बाद शेख हसीना का पहला सार्वजनिक संबोधन
बांग्लादेश से आने के बाद अपने पहले सार्वजनिक वक्तव्य में अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना ने अराजक स्थिति और हिंदुओं पर हमलों के लिए सरकार प्रमुख मुहम्मद यूनुस को जिम्मेदार ठहराया है। कहा कि यूनुस देश में नरसंहार के लिए जिम्मेदार हैं और वह अल्पसंख्यकों को सुरक्षा देने में विफल रहे हैं।
भारत से वर्चुअली कार्यक्रम को संबोधित किया
न्यूयार्क में अवामी लीग समर्थकों द्वारा आयोजित कार्यक्रम को भारत से वर्चुअली संबोधित करते हुए हसीना ने कहा कि पांच अगस्त को उनकी और उनकी बहन शेख रेहाना की हत्या की साजिश थी, जैसे कि 1975 में उनके पिता शेख मुजीब-उर-रहमान को मारा गया था। कहा, यूनुस सत्ता के भूखे हैं, इसीलिए वह पूजास्थलों को हमलों से बचा नहीं पा रहे हैं। बीते तीन महीनों में वह सरकार चला पाने में पूरी तरह से विफल साबित हुए हैं।
पांच अगस्त के घटनाक्रम के बारे में हसीना ने बताया कि उन्होंने सेना को गोली न चलाने का स्पष्ट निर्देश दिया था जिससे कि नौजवान मारे न जाएं। उस स्थिति में सेना ने उन्हें देश छोड़कर जाने की सलाह दी। यह एक तरह से उन्हें देश छोड़ने के लिए मजबूर करना था। बीते महीनों में हसीना ने कई बयान जारी किए हैं लेकिन उनकी बोलते किसी ने नहीं देखा था। बुधवार को वह बोलते हुए दिखाई दीं।
देश में रहने वाले हिंदू समुदाय के लोगों की सुरक्षा करे यूनुस सरकार
बांग्लादेश में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों पर हमलों के विरोध में अब विश्व भर में आवाज उठ रही हैं। अमेरिका में सांसद ब्रैड शरमन ने कहा है कि बांग्लादेश सरकार की पूरी जिम्मेदारी है कि वह देश में रहने वाले हिंदू समुदाय के लोगों की सुरक्षा करे।
शरमन ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के प्रमुख वाल्कर तुर्क से भी मांग की कि बांग्लादेश में हिंदू, बौद्ध और ईसाई समुदाय के लोगों पर हुए हमलों की जांच कराई जाए। ये हमले अगस्त में शेख हसीना की सरकार को हटाने के लिए देश भर में हुई हिंसा के दौरान हुए थे। इससे पहले अमेरिका में रहने वाले बांग्लादेशी मूल के हिंदुओं ने व्हाइट हाउस के समक्ष प्रदर्शन कर बांग्लादेश में हिंदुओं की सुरक्षा और धर्मगुरु चिन्मय दास की रिहाई की मांग की थी।
बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के लोगों पर हमलों की कड़ी निंदा की
उन्होंने बांग्लादेश की स्थिति में अमेरिका के हस्तक्षेप का आग्रह किया था। ब्रिटिश सांसद प्रीति पटेल ने भी बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के लोगों पर हमलों की कड़ी निंदा की है। उन्होंने इन हमलों को संवेदनहीन और भयभीत करने वाला बताया है। विपक्षी कंजरवेटिव पार्टी में विदेश मामलों की प्रभारी पटेल ने बांग्लादेश सरकार से अनुरोध किया है कि वह हिंदुओं के धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार की रक्षा करे।
कंजरवेटिव पार्टी के सांसद बाब ब्लैकमैन ने कहा कि बांग्लादेश में हिंदुओं के सफाये की मुहिम चल रही है। इसे तत्काल रोका जाना चाहिए। जबकि सत्तारूढ़ लेबर पार्टी के सांसद बेरी गार्डिनर बांग्लादेश की स्थिति और हिंदुओं पर हमलों पर चर्चा के लिए संसद का आपात सत्र बुलाने की मांग की है।