पांच एकड़ जमीन वाले भी पीएम आवास के हकदार, चयन होने के तीन महीने के भीतर मिल जाएगा नया घर
प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत सरकार ने तीन करोड़ नए लोगों को घर देने का लक्ष्य तय किया है। नियमों को अत्यधिक लचीला बनाया गया है। अब पांच एकड़ तक असिंचित जमीन वाला परिवार भी पीएम आवास योजना के लिए पात्र होगा। पहले ढाई एकड़ तक सिंचित भूमि की सीमा रखी गई थी। असिंचित भूमि का जिक्र नहीं था।
मासिक आय की शर्तों में पांच हजार रुपये की वृद्धि कर दी गई है। अब प्रतिमाह 15 हजार कमाने वाले भी पात्र हो सकेंगे। आवेदन प्रक्रिया को भी सहज किया गया है। पात्रों की पहचान सर्वे के माध्यम से की जाएगी। चयन होने के तीन महीने के भीतर नया घर बनाकर दे दिया जाएगा।
प्रधानमंत्री आवास योजना की शुरुआत 25 जून 2015 को हुई थी
केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को आवास देने के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना की शुरुआत 25 जून 2015 को हुई थी। योजना का दायरा बढ़ाने के लिए सरकार ने पात्रता की 13 शर्तों को घटाकर दस कर दिया है। मछली पकड़ने वाली नाव, दो कमरों के कच्चे मकान, दोपहिया वाहन, रेफ्रीजिरेटर एवं लैंडलाइन फोन होने की शर्तें हटा दी गई हैं। घर का न्यूनतम आकार 25 वर्गमीटर निर्धारित किया गया है, जिसमें स्वच्छ खाना पकाने की जगह शामिल है।
शिवराज चौहान ने बताया कि ग्रामीण भारत के विकास के लिए सरकार का लक्ष्य सिर्फ आवास देना ही नहीं है, बल्कि मूलभूत सुविधाएं भी सुनिश्चित करना है। अपने घर को अपने अनुरूप बनाने के लिए लाभार्थियों को मनरेगा के जरिए 90-95 दिनों की मजदूरी का लाभ भी दिया जाता है। शौचालय, रसोई गैस एवं बिजली की सुविधाएं दी जा रही हैं। सोलर रूफटाप का कनेक्शन देकर बिजली बिल को कम करने का प्रयास किया जा रहा है।
सरकार के पास फंड की कमी नहीं
नए अनुमोदित दो करोड़ घरों के लक्ष्य में 18 राज्यों को 38 लाख का लक्ष्य देकर उन्हें 10668 करोड़ रुपये जारी कर दिया गया है। सरकार के पास फंड की कमी नहीं है। अन्य राज्यों से भी अनुरोध किया गया है कि राज्यांश को समय से निर्गत करें एवं फंड का उपभोग करके अगली किश्त के लिए प्रस्ताव भेजकर केंद्रांश प्राप्त करें।
प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत मार्च 2024 तक 2.95 करोड़ घरों के निर्माण का लक्ष्य था, जिसमें सभी घर स्वीकृत किए जा चुके हैं। दो करोड़ 67 लाख घर पूरे भी हो चुके हैं। जरूरत के अनुसार योजना का विस्तार किया गया है। अगले पांच वर्षों में दो करोड़ अतिरिक्त घर बनाए जाएंगे। इनपर तीन लाख छह हजार करोड़ रुपये की लागत आएगी।
खुली बैठकों में होगा पात्रों का चयन
चयन प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी बनाया गया है। गांवों में खुली बैठकों में पात्रों का चयन किया जाएगा। आवेदक की उम्र 70 वर्ष से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के उद्देश्य से पात्रता में उन्हें प्राथमिकता दी जाएगी। किंतु अगर किसी परिवार में सिर्फ पुरुष सदस्य ही हैं तो वे भी पात्र हो सकते हैं।शर्त है कि आवेदक या उसके परिवार के किसी सदस्य के नाम से मकान नहीं होना चाहिए। पहले से किसी सरकारी आवासीय योजना का लाभार्थी नहीं होना चाहिए। मैदानी क्षेत्रों में एक लाख 20 हजार एवं पूर्वोत्तर और पहाड़ी राज्यों में एक लाख 30 हजार रुपये की सहायता दी जाएगी। भुगतान डीबीटी के जरिए किया जाता है।