69000 शिक्षक भर्ती: सुप्रीम कोर्ट में 4 दिसंबर को होगी सुनवाई

69000 शिक्षक भर्ती मामले में सुप्रीम कोर्ट में अगली सुनवाई 10 दिसंबर की बजाय अब 4 दिसंबर को होगी। इस मामले की सुनवाई अब जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस संजय करोल करेंगे। इस बार सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों को हल निकलने की उम्मीद है। आरक्षण प्रभावित अभ्यर्थियों का नेतृत्व कर रहे भास्कर सिंह और सुशील कश्यप ने कहा कि वे सुप्रीम कोर्ट से आरक्षण के मुद्दे पर पूरी तरह से जीतने की उम्मीद रखते हैं।

जानिए अभ्यर्थियों का क्या कहना है?
अभ्यर्थियों का कहना है कि प्रदेश सरकार ने 69000 शिक्षक भर्ती में बेसिक शिक्षा नियमावली 1981 और आरक्षण नियमावली 1994 का उल्लंघन किया है। इसके कारण लखनऊ हाईकोर्ट की डबल बेंच ने 13 अगस्त को इस भर्ती प्रक्रिया की पूरी लिस्ट रद्द कर दी थी और नई लिस्ट बनाने के निर्देश दिए थे। अभ्यर्थियों ने यह भी कहा कि अगर प्रदेश सरकार इस मामले का जल्द निपटारा चाहती है, तो वह 4 दिसंबर को होने वाली सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई में आरक्षण प्रभावित अभ्यर्थियों के लिए याची लाभ का प्रस्ताव पेश कर सकती है। इससे किसी भी वर्ग का नुकसान नहीं होगा। गौरतलब है कि इस मामले में दोनों पक्ष पहले भी सुप्रीम कोर्ट गए थे और सुनवाई दो बार टल चुकी है। अब 4 दिसंबर को नई तारीख तय की गई है।

13 अगस्त को लखनऊ हाई कोर्ट ने दिया था फैसला
बता दें कि इस मामले में 13 अगस्त 2024 को लखनऊ हाई कोर्ट डबल बेंच ने एक फैसले दिया था। जिसे अनारक्षित वर्ग के कुछ अभ्यर्थियों के द्वारा सुप्रीम कोर्ट में चैलेंज किया गया है। जबकि आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों और सरकार ने इस फैसले को सही माना हैं। आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थी सरकार से इसका पालन किए जाने के लिए आग्रह भी किया। लेकिन सरकार इस पर आगे नहीं बढ़ पाई और अब यह मामला सुप्रीम कोर्ट में सुना जा रहा है। 

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