एक साल बढ़ सकती है ‘जल जीवन मिशन’ की अवधि
केंद्र सरकार ने कहा है कि ग्रामीण घरों में नल से जल की आपूर्ति के लिए चलाए जा रहे जल जीवन मिशन की अवधि बढ़ाए जाने पर विचार किया जा रहा है। यह मिशन निर्धारित योजना के अनुसार इस साल 31 दिसंबर तक समाप्त होना था, लेकिन अभी तक लगभग 80 प्रतिशत घरों में नल से जल की आपूर्ति सुनिश्चित की जा सकी है।
अभी तक पूरा हुआ 80 फीसदी काम
केंद्रीय जलशक्ति राज्य मंत्री वी. सोमन्ना ने गत दिवस राज्यसभा में एक सवाल के जवाब में बताया कि मिशन की अवधि बढ़ाए जाने के तौर-तरीके तय किए जा रहे हैं और जल्द ही इस बारे में घोषणा की जाएगी। इस मिशन की शुरुआत अगस्त 2019 में की गई थी और इसका उद्देश्य सभी 19.34 करोड़ घरों को टैप से पानी उपलब्ध कराना था। जिस समय यह मिशन शुरू किया गया था तब केवल 3.23 करोड़ घरों में नल से जल की सुविधा थी।
कोविड महामारी के दौरान नहीं हो सका काम
पांच साल में इस मिशन में अच्छी प्रगति हुई है और अब 15.29 करोड़ घरों को यह सुविधा प्रदान की जा चुकी है। सरकार ने बताया है कि कई कारणों से इस मिशन का लक्ष्य दिसंबर तक हासिल करना संभव नहीं रह गया है। इनमें रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण कच्चे माल की आपूर्ति में पड़े असर के अलावा कोविड महामारी का प्रकोप भी शामिल है।
लगभग दो वर्षों के दौरान इस योजना पर जमीन पर कोई खास काम नहीं हो सका। इसके अलावा योजना पर क्रियान्वनय के लिए राज्यों की ओर से केंद्र के बराबर धनराशि जारी करने में देरी भी मिशन में पिछड़ने का एक बड़ा कारण है।
सरकार ने अपने जवाब में कहा है कि सूखे के शिकार और सामान्य रूप से भी पानी की किल्लत से जूझने वाले क्षेत्रों में इस मिशन का क्रियान्वयन आसान नहीं है। जलशक्ति मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार योजना को दिसंबर 2025 तक बढ़ाया जा सकता है। अभी तक 11 राज्यों और केंद्र शासित क्षेत्रों ने ग्रामीण घरों में सौ प्रतिशत नल से जल की आपूर्ति का काम पूरा कर लिया है।