कैसे काम करते हैं प्रीपेड मीटर और स्मार्ट मीटर? यहां समझें

आजकल महानगरों और शहरों में एनर्जी कंजप्शन मेजरमेंट के लिए ट्रेडिशनल मीटर्स की जगह स्मार्ट मीटर और प्रीपेड मीटर का इस्तेमाल होने लगा है। हालांकि, सारे लोगों को इन मीटर्स के बारे में और इनके बीच अंतर के बारे में पता नहीं होता है। ऐसे में हम यहां आपको बताने जा रहे हैं कि ये दोनों मीटर कैसे काम करते हैं।

स्मार्ट मीटर

ये मीटर्स रिमोट मीटर रीडिंग, रियल-टाइम मॉनिटरिंग और डेटा स्टोरेज ऑफर करने के लिए एडवांस्ड कम्युनिकेशन और IoT टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करते हैं। स्मार्ट मीटर ज्यादा एक्यूरेट तरीके से एनर्जी मीटरिंग और इलेक्ट्रिसिटी यूसेज डेटा देने में सक्षम होते हैं।

प्रीपेड मीटर

ये मीटर्स एनालॉग और डिजिटल सर्किट जैसी ट्रेडिशनल इलेक्ट्रॉनिक टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल एनर्जी मेजर करने के लिए करते हैं। प्रीपेड मीटर ‘पे-एज-यू-गो’आधार पर काम करते हैं, जहां यूजर्स बिजली का इस्तेमाल करने से पहले करने से पहले ही उसका पेमेंट कर देते हैं।

कैसा है पेमेंट मॉडल?
स्मार्ट मीटर: ये मीटर्स आमतौर पर पोस्टपेड सिस्टम के साथ काम करते हैं जहां आप पहले बिजली का इस्तेमाल करते हैं और बाद में मंथली बिल के आधार पर पेमेंट करते हैं। हालांकि, कुछ स्मार्ट मीटर प्रीपेड सिस्टम को भी सपोर्ट कर सकते हैं।
प्रीपेड मीटर: ये खास तौर पर ‘पे-एज-यू-गो’ मॉडल पर काम करता है। बिजली का इस्तेमाल करने के लिए यूजर्स को अपने अकाउंट्स को रिचार्ज करना पड़ता है।

रियल-टाइम मॉनिटरिंग
स्मार्ट मीटर: ये मीटर कंज्यूमर और यूटिलिटी कंपनी दोनों को रियल टाइम में एनर्जी यूसेज डेटा देता है। यूजर्स ऐप या डिस्प्ले के जरिए कंजप्शन पैटर्न को मॉनिटर कर सकते हैं।

प्रीपेड मीटर: ये मीटर लोकल तरीके से (मीटर डिस्प्ले पर) बेसिक कंजप्शन डेटा ऑफर करता है, लेकिन इसमें एडवांस्ड रियल टाइम एनालिटिक्स या एडवांस्ड रियल-टाइम एनालिटिक्स या रिमोट कम्युनिकेशन फीचर्स नहीं मिलते हैं।

कम्युनिकेशन
स्मार्ट मीटर: वायरलेस या वायर्ड नेटवर्क के जरिए यूटिलिटी प्रोवाइडर के साथ कम्युनिकेट करता है, जिससे रिमोट मीटर रीडिंग, आउटेज का पता लगाना और अपडेट करना संभव होता है।
प्रीपेड मीटर: आम तौर पर यह रियल टाइम में बिजली कंपनी से कम्युनिकेट नहीं करता। इसमें रिचार्ज मैन्युअल तरीके या डिजिटल प्लेटफॉर्म के जरिए किया जाता है।

कहां होता है इस्तेमाल?
स्मार्ट मीटर: ये एडवांस्ड एनर्जी मैनेजमेंट सिस्टम और डायनामिक प्राइसिंग मॉडल्स वाले एरिया में कॉमन तौर पर देखने को मिल जाता है।
प्रीपेड मीटर: ये उन एरिया में लोकप्रिय है जहां बिजली की पहुंच सीमित है या ऐसे ग्राहकों के लिए जो बजट को कंट्रोल में रखना पसंद करते हैं।

इंस्टॉलेशन कॉस्ट
स्मार्ट मीटर: एडवांस्ड टेक्नोलॉजी और कम्युनिकेशन के कारण इसकी इंस्टॉलेशन कॉस्ट ज्यादा होती है।
प्रीपेड मीटर: आम तौर पर इसे इंस्टॉल करना सस्ता होता है। क्योंकि इसमें कॉम्प्लेक्स कम्युनिकेशन इंफ्रास्ट्रक्चर की जरूरत नहीं होती है।

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