Vande Bharat स्लीपर ट्रेन की देरी पर आया अपडेट
हम सभी को जल्द ही वंदे भारत की स्लीपर ट्रेन पटरी पर दौड़ते हुए दिखेगी। सरकार के अनुसार इस ट्रेन के आ जाने से रेल सफर और आरामदायक हो जाएगा। हालांकि, वंदे भारत देश के कई महानगरों में दौड़ रही है। अब वंदे भारत स्लीपर ट्रेन के आ जाने से रेलवे सेक्टर में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है।
पिछले कुछ समय से वंदे भारत की स्लीपर ट्रेन के डिले होने की कई वजह मानी जा रही है। अब इसको लेकर एक नया अपडेट सामने आया है। केंद्र रेल मंभी अश्विनी वैष्णव (Ashwini Vaishnaw) ने एक मीडिया इंटरेक्शन में खुद बताया कि आखिर स्लीपर ट्रेन में देरी क्यों हो रही है।
खारिज किया दावा
अश्विनी वैष्णव इस दावे को खारिज कर दिया जिसमें कहा जा रहा था कि ट्रेन के डिजाइन को क्लेरेंस न मिलने के कारण वंदे भारत के स्लीपर ट्रेन के मैन्यूफेक्चरिंग प्रोसेस में देरी हुई।
पत्रकारों से बातचीत के दौरान रेल मंत्री ने कहा कि इन ट्रेन के मैन्यूफैक्टरिंग के लिए जिस रूसी कंपनी को शामिल किया था, उन्हें कभी भी ट्रेन डिजाइन से कभी कोई दिक्कत नहीं हुई। कुछ समय पहले मीडिया रिपोर्ट्स में रूसी कंपनी ट्रांसमाशहोल्डिंग (टीएमएच) के अधिकारियों का हवाला देते हुए कहा जा रहा था कि भारतीय रेलवे (Indian Railway) ट्रेन में शौचालय और पेंट्री कार की डिमांड कर रहा था। इस वजह से ट्रेन के डिजाइन में बदलाव किया गया। इसके अलावा रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि रेल मंत्रालय ने ट्रेन के डिजाइन को बदलाव किया और फिर क्लेरेंस दिया।
क्यों हो रही है देरी
अश्विनी वैष्णव ने बताया कि रूस फर्म में मैन्यूफैक्चरिंग कैपिसिटी कम है। यही कारण है कि स्लीपर ट्रेन के निर्माण में देरी हो रही है। दरअसल, रूस फर्म में आमतौर पर छोटे कोच निर्माण करता है। भारतीय रेलवे ने 16, 20 या 24 कोच वाली ट्रेन बनाने का ऑर्डर दिया था। अब कोच की संख्या को लेकर होने वाली परेशानी अब खत्म हो गई और जल्द ही मैन्यूफैक्चरिंग शुरू होगा।